भारत देश में प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बुद्ध देव बुद्धि , लेखन, व्यापार के कारक कहे जाते हैं । लग्न में बुद्ध को दिशा बल प्राप्त है । बुध कन्याराशि में उच्च और मीन राशि में नीच के होते हैं । वृश्चिक लग्न की कुंडली में मंगल के अति शत्रु बुद्ध अष्टमेश ( आठवें भाव के स्वामी ), एकादशेश ( ग्यारहवें भाव के स्वामी ) होकर एक मारक गृह होते हैं । अतः इस लग्न कुंडली में बुध रत्न पन्ना धारण नहीं किया जा सकता है । आपको बताते चलें की जन्मपत्री के उचित विश्लेषण के बाद ही उपाय संबंधी निर्णय लिया जाता है की उक्त ग्रह को रत्न से बलवान करना है, दान से ग्रह का प्रभाव कम करना है, कुछ तत्वों के जल प्रवाह से ग्रह को शांत करना है या की मंत्र साधना से उक्त ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त करके रक्षा प्राप्त करनी है आदि । मंत्र साधना सभी के लिए लाभदायक होती है । आज हम वृश्चिक लग्न कुंडली के 12 भावों में बुध देव के शुभाशुभ प्रभाव को जान्ने का प्रयास करेंगे …
यदि लग्न में बुध हो तो जातक के हर काम में रुकावट आती है, बहुत प्रोब्लेम्स झेलने के बाद ही काम सिद्ध होता है । दिशाबलि बुध की महादशा में साझेदारी केकाम से हानि का योग बनता है । वैवाहिक जीवन कलह से भरा रहता है । दैनिक आय में अवनति होती है , छोटी मोटी बीमारी लगी रहती है ।
ऐसे जातक को धन, परिवार कुटुंब का साथ नहीं मिलता है । जातक सौम्य वाणी वाला होता है, चुभने वाली बात करता है । बुध की महदशा में हर काम में रुकावटें अति हैं । धन का आगमन लगा रहता है ।
जातक बहुत परश्रमी होता है । छोटे बहन का योग बनता है । छोटे भाई बहन से सम्बन्ध खराब रहते हैं । पिता से सम्बन्ध अच्छे नहीं रहते हैं, धर्म को नहीं मानता है। बुध की महादशा में विदेश यात्राएं करता है ।
बुध की महदशा में चतुर्थ भाव में बुध होने से जातक को भूमि, मकान , वाहन व् माता का सुख प्राप्त नहीं होता है । काम काज बड़ी मुश्किल से ही चलता है । विदेश सेटलमेंट की सम्भावना बनती है ।
नीच राशि में आने से बुद्धि बहुत कमजोर होती है, अचानक हानि की स्थिति बनती है । बड़े भाइयों बहनो से संबंध बहुत खराब रहते हैं, लाभ प्राप्ति में बाधा का योगबनता है । स्वास्थ्य उत्तम नहीं रहता है, पुत्री प्राप्ति का योग बनता है । प्रेम संबंधों में असफलता प्राप्त होती है ।
कोर्ट केस , हॉस्पिटल में खर्चा होता है । दुर्घटना का भय बना रहता है । बुध की महदशा में कोई न कोई टेंशन बनी रहती है । बड़े भाई बहन में से किसी को कोईप्रॉब्लम आने का योग बनता है । विपरीत राजयोग की स्थिति में अधिकतर परिणाम शुभ ही रहते हैं ।
जातक की बुद्धि उचित अनुचित का भेद नहीं कर ठीक निर्णय नहीं ले पाती , वैवाहिक जीवन में कलह रहतीहै । साझेदारी के काम से घाटा मिलता है । दैनिक आयमें भी कमी आती है । लाइफ पार्टनर को कोई समस्या आती है ।
यहां बुध के अष्टम भाव में स्थित होने की वजह से जातक के हर काम में रुकावट आती है । बुद्ध की महादशा /अंतर्दशा में टेंशन बनी रहती है । बुद्धि साथ नहीं देतीहै । कुटुंब का साथ नहीं मिलता है । टेंशन , डिप्रेशन बना रहता है । कुटुंबजनों में से किसी को प्रॉब्लम का योग बनता है । विपरीत राजयोग की स्थिति में बुद्ध केफलों में शुभता जाननी चाहिए ।
जातक भाग्यवान , आस्तिक व् पितृ भक्त नहीं होता है । विदेश यात्रा में समस्या आती है । छोटे भाई बहनो का साथ नहीं मिलता है । बुध की महादशा में पिता व्कुटुंबजन को कोई नुक्सान होता है । यात्राओं व् मेहनत का फल कम ही मिलता है ।
जातक को भूमि , मकान , वाहन व् माता का सुख नहीं मिलता है । प्रोफेशनल लाइफ अच्छी नहीं होती है । यदि डिग्री में भी स्ट्रांग हुए तो जातक बहुत समस्याओं कासामना करता है । माता को/से कष्ट होता है ।
यहां स्थित होने पर बड़े भाई बहनो से संबंध मधुर रहते है , लाभ मिलता है । पेट में छोटी मोटी बीमारी लगने की संभावना रहती है । पुत्री प्राप्ति का योग बनता है ।सभी इच्छाएं पूरी होती हैं । प्रेम संबंधों में असफलता मिलती है । अचानक हानि का योग भी बनता है ।
मन परेशान रहता है, याददाश्त कमजोर हो जाती है । कोर्ट केस, हॉस्पिटल में खर्चा होता है । दुर्घटना का भय बना रहता है । बुध की महदशा में व्यर्थ का खर्च बनारहता है । प्रतियोगिता में हार का मुँह देखना पड़ता है । यदि मंगल बलवान होकर शुभ स्थित हों तो विपरीत राजयोग की स्थिति बनती है और बुध के फल शुभ प्राप्तहोते हैं ।
कृपया ध्यान दें….बुध के फलों में बलाबल के अनुसार कमी या वृद्धि जाननी चाहिए । बुध वार का व्रत रखें , वाटर एक्सूरियम घर में लगाएं , अमरुद का पेड़ लगाएंऔर सुरक्षित बड़ा करें जिससे की उसका लाभ चीटियों , पशु पक्षियों व् बच्चों को मिले । घर में तुलसी का पौधा लगाएं और रोजाना प्रातः काल में खाली पेट सेवनकरें , हॉस्पिटल में हरी सब्जी दान करने से भी स्थिति में सुधार होता है । किसी योग्य ज्योतिषी से कुंडली का उचित विश्लेषण आवश्य करवाएं ।