आज हम वृष लग्न की कुंडली में बुद्ध के बारे में जानने का प्रयास करेंगे । वृष लग्न कुंडली में बुद्ध द्वितीयेश, पंचमेश होने से एक कारक गृह बनता है । इस लग्न की कुंडली में अगर बुद्ध बलवान ( डिग्री से भी ताकतवर ) होकर शुभ स्थित हो तो अधिकतर फल शुभ ही प्राप्त होते हैं और बुद्ध डिग्री में ताकतवर न हो तो इसकी शुभता में कमी आती है । ध्यान दें की कारक ग्रह का बलाबल में सुदृढ़ होना और शुभ स्थित होना उत्तम जानना चाहिए और मारक गृह का बलाबल में कमजोर होना उत्तम जानें । कुंडली के उचित विश्लेषण के बाद ही उपाय संबंधी निर्णय लिया जाता है की उक्त ग्रह को रत्न से बलवान करना है, दान से ग्रह का प्रभाव कम करना है, कुछ तत्वों के जल प्रवाह से ग्रह को शांत करना है या की मंत्र साधना से उक्त ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त करके रक्षा प्राप्त करनी है । मंत्र साधना सभी के लिए लाभदायक होती है । वृष लग्न कुंडली के जातक को पन्ना पहनाया जा सकता है, परन्तु कोई भी निर्णय लेने से पूर्व कुंडली का उचित विश्लेषण आवश्य करवाएं ।आज हम वृष लग्न कुंडली के 12 भावों में बुद्धि के देवता बुध के शुभाशुभ प्रभाव को जान्ने का प्रयास करेंगे ।
बुद्ध यदि लग्न में स्थित हों तो जातक बुद्धिमान होता है! धन परिवार कुटुंब का साथ मिलता है! दिशाबलि बुद्ध की महादशा में साझेदारी के काम में लाभ प्राप्त होता है!
ऐसा बुद्ध परिवार के लिए शुभ परिणाम देने वाला होता है! ऐसे जातक की वाणी मधुर होती है, धन परिवार कुटुंब का साथ मिलता है! जातक अपनी बुद्धि और मीठी वाणी से सभी मुश्किलें पार कर लेता है ।
छोटी बहन का योग बनता है । जातक बहुत अधिक मेहनती होता है । मेहनत से ही जातक के कार्य पूर्ण होते हैं ।
माता से बहुत लगाव रहता है । सभी सुख सुविधाएं जुटाने में बुद्ध बहुत सहायक होंगे । बुद्ध की महादशा में प्रोफेशनल लाइफ में उन्नति होने के योग बनते हैं ।
पेट में प्रॉब्लम नहीं रहती है , प्रेम संबंधों में सफलता मिलती है । अचानक लाभ की संभावना बनती है । संतान सुख प्राप्त होता है । बड़े भाई बहन का सहयोग रहताहै ।
दुर्घटना का भय बना रहता है । कोर्ट केस या हॉस्पिटल में खर्चा करना पड़ता है । ऋण बढ़ता है, जातक चुकाने की स्थिति में नहीं आ पाता है ।
प्रेम विवाह का योग बनता है । पत्नी बुद्धिमान मिलती है, व्यसाय ठीक रहता है, साझेदारी के काम में लाभ मिलने की संभावना रहती है । सुख सुविधाओं में वृद्धिका योग बनता है ।
जातक के साथ साथ उसके परिवार जन भी दिक्कत में आ जाते हैं । मन खिन्न रहता है । परिवार का साथ नहीं मिलता है । संतान को/से परेशानी रहती है ।
जातक पितृ भक्त, धार्मिक होता है ।अपने परिश्रम से विदेश यात्रायें करने वाला होता है ।
जातक का प्राइवेट प्रोफेशन हो सकता है। बुद्ध की महादशा में खूब तरक्की करता है । धन परिवार का साथ रहता है । सुख सुविधाएँ प्राप्त करता है ।
यहां अपनी नीच राशि में आने से बड़े भाई बहनो से सहायता नहीं मिलती है । मन खिन्न रहता है , संतान से समस्या मिलती है। बुद्ध की महादशा में खुद का स्वास्थ्यखराब रहता है ।
संतान को लेकर परेशानी मिलती है, मन खिन्न रहता है, व्यर्थ के खर्चे लगे रहेंगे । वाणी खराब होती है । ऋण वापसी नहीं होगी, रोग लगे रह सकते हैं । विदेशयात्रा का योग बनता है । बहुत मेहनत करने पर भी परिणाम उचित नहीं आ पाते हैं ।
ध्यान देने योग्य है की यदि बुद्ध 3, 6, 8, 11, 12 भाव में स्थित हो तो बुद्ध रत्न पन्ना धारण न करें । अन्य किसी भाव में स्थित होने पर यह रत्न धारण किया जा सकता है । बुद्ध के फलों में बलाबल के अनुसार कमी या वृद्धि जाननी चाहिए ।
mera budh 10 ba hai aur kaam nahi deta aur nahi job deta hai kuch bataye mera lagan brish hai,budh kumbh rasi me hai kuch bataye