आज की हमारी चर्चा विशाखा नक्षत्र पर केंद्रित है । इसे इन्द्राग्नि नाम से भी पुकारा जाता है । यह आकाशमण्डल में मौजूद सोलहवां नक्षत्र है जो २०० डिग्री से लेकर २१३.२० डिग्री तक गति करता है । विशाखा नक्षत्र के स्वामी वृहस्पति, नक्षत्र देवता इन्द्राग्नि देव और राशि स्वामी शुक्र तथा मंगल हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए हम वचनबद्ध हैं ।
विशाखा नक्षत्र आकाशमण्डल में मौजूद चार तारों का समूह है जिसका प्रतीक चिन्ह तोरण द्वार या विजय स्तम्भ है । विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु हैं और यह नक्षत्र तुला राशि में २० डिग्री से वृश्चिक राशि में ३.२० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र के देवता इन्द्राग्नि देव हैं । विशाखा नक्षत्र के जातकों के जीवन पर शुक्र, मंगल व् वृहस्पति देव का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है ।
इस नक्षत्र के जातक निसंदेह बहुत बुद्धिमान, पराक्रमी और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं । यदि आप इनके सम्पर्क में आ जाएँ तो इनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते । ये धार्मिक होते हैं लेकिन रूढ़िवादी परम्पराओं में विश्वास नहीं रखते या यूँ कह लीजिये की इनके धर्म को स्वीकार करने का आधार वैज्ञानिक होता है । ये परम्परागत रिटुअल्स को केवल मजबूरी में ही परफॉर्म करते हैं, दिल से नहीं । इनकी वाणी इतनी अधिक आकर्षक होती है की लोग इनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते । ये उम्दा राजनीतिज्ञ होते हैं और बहुत अच्छे कंसलटेंट भी हो सकते हैं । जिस प्रकार शेरनी शिकार करती है और शेर बैठ कर खाता है उसी प्रकार विशाखा नक्षत्र के जातक स्वयं काम करने के बजाये चाहते हैं की कोई दूसरा इनके लिए काम करे और ये आराम से बैठ के खाएं । ये स्किलफुल होते हैं और जिस प्रकार सिंह कुछ ही पलों में सामने आ खड़ी समस्या को निपटा देता है उसी प्रकार ये भी नकारात्मक कंडीशंस में अच्छा प्रदर्शन करते हैं ।
विशाखा नक्षत्र के जातक का माता से विशेष लगाव होता है, हालांकि इन्हें माता का सुख काम ही प्राप्त हो पाता है । शराब का अत्याधिक सेवन और परस्त्री गमन इनका नकारात्मक गुण कहा जाता है । इस वजह से इनके घर में भी क्लेश पड़ जाता है ।
इस नक्षत्र की जातिकाएँ सुन्दर, सुशील और धर्म में विश्वास रखने वाली होती हैं । अपने रिटुअल्स बहुत अच्छे से परफॉर्म करती हैं । बड़े बूढ़ों का सम्मान करती हैं और अपने पति को ही अपना सर्वस्व मानती हैं ।
इस नक्षत्र में जन्मे जातकों की मैरिड लाइफ में उतार चढ़ाव लगातार बने रहते हैं । इनका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं होता है । इनके शराब व् परस्त्रीगमन में लोभ के कारण इस नक्षत्र के जातक अपना वैवाहिक जीवन नष्ट कर लेते हैं । वही विशाखा नक्षत्र की जातिकाएँ सुन्दर, सुशील और धर्म में विश्वास रखने वाली होती हैं । अपने रिटुअल्स बहुत अच्छे से परफॉर्म करती हैं । बड़े बूढ़ों का सम्मान करती हैं और अपने पति को ही अपना सर्वस्व मानती हैं । ऐसी स्त्रियों का वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है ।
चमड़ी के रोग, मधुमेह, पेशाब और स्त्रियों में गर्भाशय से सम्बंधित रोग, टी बी इत्यादि होने की संभावना अक्सर रहती है । रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है । नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में सहायक होती है ।
विजय स्तम्भ विशाखा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह है इस बात को हमेशा याद रखियेगा । आप बहुत से प्रोफेशंस में विजय हासिल कर सकते हैं । आप अध्यापक भी हो सकते हैं और बहुत अच्छे अभिनेता या सिंगर भी हो सकते हैं । साथ ही आप डिफेंस सर्विसेज में भी जा सकते हैं । अपनी जन्मपत्री का किसी विद्वान ज्योतिषी से विश्लेषण करवाएं इसके बाद अपने प्रोफेशन से सम्बंधित कोई निर्णय लेंगे तो हितकर होगा ।
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