आज की हमारी चर्चा उत्तरभाद्रपद नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद छब्बीसवाँ नक्षत्र है जो ३३३.२० डिग्री से लेकर ३४६.४० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को अहिर्बुध्न्य नाम से भी जाना जाता है । उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी शनि, नक्षत्र देवता अहिर्बुध्न्य और राशि स्वामी गुरु हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए हम वचनबद्ध हैं ।
उत्तरभाद्रपद नक्षत्र आकाशमण्डल में मौजूद तीन तारों से बनी हुई आकृति है । इसका प्रतीक चिन्ह सर्प ( पानी में चलने वाला सांप ) है । इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और यह नक्षत्र ३.२० डिग्री से १६.४० डिग्री तक मीन राशि में गति करता है । इस नक्षत्र के देवता अहिर्बुध्न्य हैं । उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के जातकों के जीवन पर शनि और वृहस्पति देव का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है ।
उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के जातक चुंबकीय व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं । आपका ह्रदय शुद्ध और आचरण पवित्र होता है । आपके चेहरे पर हर समय एक मंद मुस्कान रहती है ओर एक निश्चलता हर समय बनी रहती है । आप प्रखर बुद्धि के स्वामी और बहुत अच्छे वक्ता हैं । बहुमुखी प्रतिभा के धनि ऐसे जातकों में गजब की आकर्षण शक्ति होती है । अन्य लोग सहज ही आपकी और आकर्षित हो जाते हैं । ऐसे जातकों का व्यवहार बहुत संतुलित होते हैं । यदि एक बार आप किसी को मित्र मान लें तो आप इनके लिए किसी भी हद तक जाएंगे । आकाश तत्व होने की वजह से आपको अंदर ही अंदर खालीपन का अहसास होता रहता है । आप भली प्रकार जानते भी हैं की इस खालीपन को बाहरी चीजों से नहीं भरा जा सकता । राशि स्वामी गुरु आपमें शुभ गुणों का विकास करते हैं ओर साथ ही आध्यमिकता की ओर आपका मार्ग प्रशस्त करते हैं । आप विशेष रूप से ज्योतिष शास्त्र में गहन रुचि रखते हैं और इस विषय का गहन अध्ययन भी करते हैं । आप स्वभाव से साधू हैं, किसी का बुरा नहीं चाहते, अपने काम से काम से काम रखते हैं । आपको कुछ क्षणों के लिए अत्याधिक क्रोध आता है लेकिन जल्दी ही वह शांत भी हो जाता है । ध्यान देने योग्य है की उत्तरभाद्रपद एक क्षत्रिय नक्षत्र है और इसके मालिक शनि देव हैं । आप दूसरों की पीड़ा महसूस कर सकते हैं, किसी को भी कष्ट नहीं देना चाहते । साथ ही यह भी सौफी सदी सच है की ऐसे जातकों के साथ उलझने वालों को मुह की खानी पड़ती है । आपको अपने पिता से स्नेह रखते है लेकिन एक समय के बाद अलगाव की सी स्थितियां पैदा हो जाती हैं ।
उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के जातक व् जातिका का वैवाहिक जीवन सुखद ही रहता है । इस नक्षत्र की जातिकाएँ लक्ष्मी का स्वरूप होती हैं, जिस घर में जाती हैं सुख समृद्धि में वृद्धिकारक होती हैं । ऐसे जातक/जातिका के बच्चे बहुत संस्कारी व् बुद्धिमान होते हैं ।
उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के जातक/जातिका सेहत के प्रति लापरवाह होते हैं । जातिकाओं को अपच, हर्निया या टी.बी. की बीमारी होने की संभावना बनती है । यदि आपका नाम चरण अक्षर से शुरू होता है तो शुभ है । ऐसा करने से आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जो जीवन के उतार चढ़ाव में आपको स्टेबल रखने में सहायक होता है । रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है । नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में बहुत अधिक सहायक होती है ।
उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के जातक यदि नौकरी करते हैं तो उच्चपदासीन होते हैं । इनकी तरक्की होती रहती है । यदि व्यापार करते हैं तो भी धन कमाने में निपुण होते हैं । हालांकि ये पैसे की जगह आध्यात्मिकता को अधिक बल देते हैं । ये जातक/जातिका बहुमुखी प्रतिभा के धनि होते हैं । ये वकील हो सकते हैं, कम्युनिकेशन से सम्बंधित कार्य कर सकते हैं, रिसर्चर हो सकते हैं, एस्ट्रोलॉजी अथवा एस्ट्रोनॉमी या इंटरनेट सम्बन्धी प्रोफेशन में अधिकतर होते हैं ।
jyotishhindi.in पर विज़िट करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।