यदि गुरुचंद्र जन्मपत्री के योगकारक हों और किसी शुभ भाव में स्थित भी हो जाएँ तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है । तुला लग्न की जन्मपत्री में चंद्र दशमेश होकर एक सम गृह बनते हैं । वहीँ गुरु तृतीयेश, षष्ठेश होकर एक अकारक गृह बने । शुभ स्थित होने पर चंद्र की दशाओं में जातक कुछ शुभ फल प्राप्त करता है, परन्तु गुरु शुभ फल प्रदान नहीं करते । तुला लग्न की जन्मपत्री में गजकेसरी योग नहीं बनता ।
तुला लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in first house in Libra/Tula lgna kundli :
प्रथम भाव में चन्द्र जातक को आकर्षक तो बनाता है, साथ ही प्रथम व् सप्तम भाव सम्बन्धी कुछ शुभ फल भी प्रदान करता है परन्तु अनावश्यक कल्पनाएं भी प्रदान करता है जिनका वास्तविकता से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं होता । वहीँ गुरु की दशाओं में पहले, पांचवें, सातवें और नौवें भाव सम्बन्धी शुभ फलों में कमी आती है ।
तुला लग्न की कुंडली में द्वितीय भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in second house in Libra/Tula lgna kundli :
तुला लग्न की कुंडली में द्वितीय भाव में गजकेसरी योग नहीं बनता । गुरु की दशाओं में छठे, आठवें और दसवें भाव सम्बन्धी समस्याएं आती हैं । छोटे भाई बहन से अनबन होती है । वहीँ चंद्र के नीच राशि में आने से चंद्र की दशाओं में मानसिक कष्ट में इज़ाफ़ा होता है । वर्किंग प्लेस में भी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं ।
तुला लग्न की कुंडली में तृतीय भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in third house in Libra/Tula lgna kundli :
दोनों की दशाओं में परिश्रम में वृद्धि होती है । गजकेसरी योग नहीं बनता ।
तुला लग्न की कुंडली में चतुर्थ भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in fourth house in Libra/Tula lgna kundli :
चंद्र देव की दशाओं में जातक को परिवार का साथ प्राप्त होता है । सुख सुविधाओं में वृद्धि होती है । नए मकान, वाहन का योग भी बनता है । ऐसे जातक का माता से बहुत लगाव होता है । वहीँ गुरु की दशाओं में जातक बहुत कष्ट झेलता है । माता से भी अनबन होती है । माता व् जातक दोनों को कष्ट भोगना पड़ता है । वर्किंग प्लेस से भी परेशानियां बढ़ती हैं । नीच राशि में आये गुरु मेहनत में इज़ाफ़ा करते हैं, शुभ फलों में वृद्धि करने में सक्षम नहीं रहते ।
तुला लग्न की कुंडली में पंचम भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in fifth house in Libra/Tula lgna kundli :
गुरु की दशाओं में जातक परेशान रहता है । प्रेम संबंधों में असफलता हाथ आती है, अचानक घाटा ( नुक्सान ) होने की संभावनाएं बनती हैं । गुरु छोटे बड़े भाई बहनों के सुख में कमी लाते हैं, जातक का स्वास्थ्य भी उत्तम नहीं रहता । चंद्र की दशाओं में जातक को मेहनत से लाभ अवश्य प्राप्त होता रहता है ।
तुला लग्न की कुंडली में छठे भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in sixth house in Libra/Tula lgna kundli :
त्रिक भावों में कोई योग नहीं बनता । कोर्ट केस में भी पैसा व्यय होने के चान्सेस बनते हैं । प्रोफेशनल लाइफ में पैशानियाँ बढ़ती हैं । विपरीत राजयोग में आकर गुरु शुभ फल प्रदान करते हैं ।
तुला लग्न की कुंडली में सातवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in seventh house in Libra/Tula lgna kundli :
चन्द्रमा की दशाओं में व्यापार से लाभ के योग बनते हैं । गुरु की दशाओं में लाइफ पार्टनर और बिज़नेस पार्टनर के साथ संबंधों में खटास आ जाती है, स्वास्थ्य खराब होने की सम्भावना बनती है । साझेदारी के व्यापार से घाटा होता है । जातक का स्वास्थ्य भी उत्तम नहीं रहता है ।
तुला लग्न की कुंडली में आठवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in eighth house in Libra/Tula lgna kundli :
आठवाँ भाव त्रिक भाव में से एक होता है, शुभ नहीं कहा जाता है । इस भाव में गुरु चंद्र की युति से कोई योग नहीं बनता है । दोनों ग्रहों की दशाओं में जातक मृत्यु तुल्य कष्ट भोगता है, जातक का प्रोफेशन खत्म होने के कगार पर आ जाता है । केवल विपरीत राजयोग की स्थिति में आकर गुरु शुभ फल प्रदान करते हैं ।
तुला लग्न की कुंडली में नौवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in ninth house in Libra/Tula lgna kundli :
चन्द्र्गुरु की नवम भाव में युति से गुरु की दशाओं में पिता का स्वास्थ्य खराब रहता है, परिश्रम का फल भी प्राप्त नहीं होता है, यात्राओं से नुक्सान होता है, पुत्र प्राप्ति का योग अवश्य बनता है । चंद्र की दशाओं में यात्राएं होती हैं, यात्राओं से लाभ अल्प मात्रा में प्राप्त होता है। पिता के साथ काम करना जातक के लिए सौभाग्यकारक होता है ।
तुला लग्न की कुंडली में दसवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in tenth house in Libra/Tula lgna kundli :
गुरु की दशाएं कष्ट पहुँचाने वाली रहती हैं, प्रोफेशन में परेशानियां आती है, माता से भी नहीं बनती, धन का अभाव रहता है, स्वास्थ्य खराब हो जाता है, परिवार का साथ भी प्राप्त नहीं होता । चन्द्रमा की दशाओं में सभी सुःख प्राप्त होते हैं । जातक का माता से बहुत लगाव होता है । प्रोफेशनल लाइफ में उन्नति के योग बनते हैं ।
तुला लग्न की कुंडली में ग्यारहवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in eleventh house in Libra/Tula lgna kundli :
चंद्र की दशाओं में पुत्री व् गुरु की दशाओं में पुत्र का योग बनता है । चंद्र की दशाओं में लाभ के योग अवश्य बनते हैं, जातक को परिश्रम का उचित फल प्राप्त होता है । वहीँ गुरु की दशाओं में परिश्रम में वृद्धि होती है, लाभ में कमी बनी रहती है ।
तुला लग्न की कुंडली में बारहवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in twelth house in Libra/Tula lgna kundli :
बारहवां भाव त्रिक भावों में से एक होता है, शुभ नहीं माना जाता है । बारहवें भाव में गजकेसरी योग नहीं बनता । दोनों ग्रहों की दशाओं में व्यर्थ का व्यय लगा ही रहता है । कोर्ट केस में धन व्यय होने के योग बनते हैं । यदि गुरु विपरीत राजयोग की स्थिति में आ जाएँ तो गुरु की दशाओं में शुभ फल प्राप्त होते हैं । जातक के विदेश में नौकरी अथवा विदेश से व्यापार के योग भी बनते हैं ।
( Jyotishhindi.in ) पर विज़िट करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।