परम चेतना को उपलब्ध संतों के विषय में कुछ भी कहना आपको अपनी अपूर्णता का भली प्रकार भान करा देता है । ऐसा दुस्साहस की आप असीम को सीमा में बांधने का प्रयास करें । फिर मैं या मेरे जैसे अनेक चेतना के तल पर थोड़े ही जीते हैं । हमारा जीवन तो मन से … Continue reading