मकर लग्न की कुंडली में गुरु बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं, एक अकारक गृह बनते हैं । वहीँ राहु अपनी मित्र राशि में शुभ फलप्रदायक होते हैं और शत्रु राशि में अशुभ । राहु के मित्र राशिस्थ होने पर सम्बंधित भाव के स्वामी की स्थिति देखना भी अनिवार्य है, यानी जिस भाव में … Continue reading