वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading