आज की हमारी चर्चा मूल नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद उन्नीसवां नक्षत्र है जो २४० डिग्री से लेकर २५३.२० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को असुर भी कहा जाता है । मूल नक्षत्र के स्वामी केतु, नक्षत्र देवी निरित्ती (निवृत्ती देवी) और राशि स्वामी गुरु हैं । यदि … Continue reading