वैदिक ज्योतिष के अनुसार आध्यात्मिकता के कारक केतु देवता एक छाया गृह हैं और स्वभाव से मंगल की भांति ही एक क्रूर ग्रह के रूप में जाने जाते हैं । शरीर में अग्नितत्व है केतु । शक्ति ऐसी की साधारण से मनुष्य को भी देव तुल्य बना दें । इन्हें अनिश्चितता देने वाला गृह भी … Continue reading