पांच भावों के कारक गुरु व् सुख भाव के कारक चंद्र जब योग कारक होकर जन्मपत्री के किसी शुभ भाव में युति बनाते हैं तो इसे गजकेसरी योग कहा जाता है । यह योग गुरु के चंद्र से केंद्र में आने पर भी बना हुआ कहा जाता है, परन्तु हमारी रिसर्च में यह देखने में … Continue reading
आज से हम एक नए योग पर चर्चा प्रारम्भ करने जा रहे हैं । इस योग को गजकेसरी योग के नाम से जाना जाता है । जब चंद्र व् गुरु किसी जन्मपत्री में योगकारक गृह हों और किसी शुभ भाव में युति बनाकर स्थित हों तो इसे गजकेसरी योग कहा जाता है । कुछ ज्योतिषी … Continue reading