अपने अभी तक जाना की जब गुरुचंद्र जन्मपत्री के योगकारक होकर किसी शुभ भाव में स्थित हो जाएँ तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है । कन्या लग्न की जन्मपत्री में चंद्र एकादशेश होकर एक अकारक गृह बनते हैं । वहीँ गुरु चतुर्थेश, सप्तमेश होकर एक सम गृह जाने जाते हैं । शुभ स्थित होने … Continue reading