गुरु चंद्र का योगकारक होकर किसी शुभ भाव में स्थित होना गजकेसरी योग का निर्माण करता है । सिंह लग्न की जन्मपत्री में चंद्र द्वादशेश होकर एक अकारक गृह बनते हैं । वहीँ गुरु पंचमेश, अष्टमेश होकर एक योगकारक गृह बनते हैं । योगकारक गृह गुरु की दशाओं में जातक निसंदेह शुभ फल प्राप्त करता … Continue reading