कर्क लग्न की जन्मपत्री में गजकेसरी योग निसंदेह बनता है । इस जन्मपत्री में चंद्र प्रथम भाव के स्वामी यानी लग्नेश होते हैं, एक योगकारक गृह बनते हैं । इसी प्रकार गुरु षष्ठेश, नवमेश होकर एक योगकारक गृह बनते हैं । दोनों ग्रहों के विभिन्न भावों में स्थित होने पर इस योग के शुभ फल … Continue reading