यदि बुद्ध व् सूर्य योगकारक होकर जन्मपत्री के किसी शुभ भाव में युति बना लें तो इसे बुध आदित्य योग कहा जाता है । मिथुन लग्न की कुंडली में सूर्य तृतीय भाव के स्वामी हैं और अष्टम से अष्टम थ्यूरी के मुताबिक एक अकारक गृह बनते हैं वहीँ बुद्ध प्रथम व् चतुर्थ भाव के स्वामी … Continue reading