वैदिक ज्योतिष में राहु को एक छाया गृह के रूप में जाना जाता है । इन्हें तीसरे, छठे और दसवें भाव का कारकत्व प्राप्त है । राहु महादशा अठारह वर्ष की होती है । आज हम jyotishhindi.in के माध्यम से आपसे सांझा करने जा रहे हैं की मति भ्र्म, छल कपट, चालबाजी के कारक और … Continue reading