कुंडली का छठा भाव त्रिक भाव है । यह ऋण, रोग, शत्रु से होने वाले कष्टों को दर्शाता है । मनुष्य शरीर में इस भाव से उदर ( पेट ) या उदर जनित रोगों का विचार किया जाता है । आयुर्वेद में पेट को सभी रोगो का जनक माना गया है । पहला भाव असेंडेंट … Continue reading