वृष लग्न की कुंडली में गुरु आठवें और ग्यारहवें भाव के मालिक होकर एक अकारक गृह बनते हैं । आइये विस्तार से जानते हैं गुरु व् राहु की युति से किन भावों में बनता है गुरुचण्डाल योग बनता है, किस गृह की की जायेगी शांति…. वृष लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में गुरुचण्डाल योग … Continue reading
ज्योतिष एक सम्पूर्ण विज्ञान है, पूर्णतया तर्कसंगत है । इस पूर्ण विकसित विज्ञान में किसी भी बात को यूँ ही मान लेने के लिए कोई जगह नहीं है । यदि कोई योग किसी स्थिति में अनिष्टकारक होता है तो कहीं वह योग ही जातक को बहुत उन्नति प्रदान करने में भी पूर्ण सक्षम है । … Continue reading