आज की हमारी चर्चा श्रवण नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद बाइसवां नक्षत्र है जो २८० डिग्री से लेकर २९३.२० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को विष्णु, श्रुति भी कहा जाता है । श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्र, नक्षत्र देवता विष्णु और राशि स्वामी शनि हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए हम वचनबद्ध हैं ।
श्रवण नक्षत्र आकाशमण्डल में मौजूद तीन तारों से बनी हुई आकृति है । वैदिक काल मे यह गरुड़ के रूप में पहचाना जाता था। वर्तमान में तीन पग का द्योतक है। इस नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव हैं और यह नक्षत्र मकर राशि में १० डिग्री से २३.२० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र के देवता विष्णु हैं । श्रवण नक्षत्र के जातकों के जीवन पर चंद्र व् शनि देव का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है ।
श्रवण नक्षत्र के जातक आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं । आप मीठी बोली बोलते हैं जिसके फलस्वरूप आपके आसपास के लोगों को आपसे सकारात्मक ऊर्जा ही प्राप्त होती है । आप प्रचुर मात्रा में इमोशनल होते हैं, दया की भावना भी आपके अंदर भरपूर होती है । आप बड़े बूढ़ों, गुरुओं का मान रखने वाले और परमात्मा के प्रति समर्पित होते हैं । श्रवण नक्षत्र के देवता आपको एक साथ कई काम निपटाने में दक्षता प्रदान करते हैं और शनि देव राशि स्वामी हैं जो दर्शाते हैं की आप परिश्रम से नहीं घबराते । आपमें दूसरों के मन को भांप लेने की क्षमता होती है । आपकी योनि वानर और नक्षत्र स्वामी चंद्र स्वभाव से आपको चंचलता प्रदान करते हैं । आपमें बदले की भावना भी कूट कूट कर भरी होती है । आप माने या न माने लेकिन बातों को बढ़ा चढ़ा कर कहना, हवाई किले बनाना जिसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं होता और दिखावा करना आपके व्यक्तित्व में जुड़ा होता है । आप बहुत अच्छे डांसर अथवा आर्टिस्ट हो सकते हैं ।
अधिकांशतया आपकी मैरिड लाइफ अच्छी होती है । आपको उत्तम जीवनसाथी प्राप्त होता है । आपकी संतान भी आपका मान रखने वाली होती है । ज्यादा बोलना और दिखावा करना श्रवण नक्षत्र की जातिकाओं की मैरिड लाइफ में प्रोब्लेमैटिक होता है ।
श्रवण नक्षत्र के जातकों को बीमारियों से सावधान रहने की बहुत आवश्यकता होती है । मुख्यतया त्वचा सम्बन्धी रोग और तपेदिक ( टी.बी ) हो सकती है । इसके अतिरिक्त पेट व् घुटनों से से सम्बंधित रोग होने की संभावना बनती है । रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है । नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में बहुत अधिक सहायक होती है ।
इस नक्षत्र के जातक की कल्पना शक्ति व् श्रवण शक्ति बहुत अच्छी होती है । इनमे बेहतर कलाकार होने के गुण प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं । ये बहुत अच्छे नर्तक, अभिनेता हो सकते हैं । इसके अतिरिक्त प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, तेल, पेट्रोलियम अथवा भूमि से सम्बंधित व्यवसाय भी कर सकते हैं ।
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