आज की हमारी चर्चा का केंद्र पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है । यह आकाशमण्डल में मौजूद ग्यारहवां नक्षत्र है जो १३३.२० डिग्री से लेकर १४६.४० डिग्री तक गति करता है । पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव, नक्षत्र देव भग और राशि स्वामी सूर्य तथा बुद्ध देव हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए हम वचनबद्ध हैं ।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र दो तारों से मिलकर बनता है । इसकी आकृति मचान जैसी प्रतीत होती है । यह झूलते हुए मचान या बिस्तर के अगले पाये की तरह दिखायी देता है। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र हैं और यह नक्षत्र सिंह राशि में १३,२० डिग्री से २६.४० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र के देवता भग हैं । इसलिए अश्लेषा नक्षत्र के जातकों के जीवन पर शुक्र व् सूर्य का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है ।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के जातक बलवान, आकर्षक होते हैं और दान तो इनका सहज स्वाभाव होता है । यह दूसरो का पालन करने वाला नक्षत्र कहा गया है । परोपकार की भावना इन जातकों में भरपूर होती है । ये बहुत ईमानदार होते हैं, धोखाधड़ी में विश्वास नहीं करते । पूरी लगन से कार्य संपन्न करते हैं । किसी भी किस्म का काम जो अगेंस्ट लॉ हो ( कानून के विरुद्ध ) बिलकुल नहीं करते । ये उन लोगों में से बिलकुल नहीं हैं जो ईश्वरीय शक्ति में विश्वास भी रखते हैं और रिश्वत में भी । इनका यही सीधापन इन्हें साथ के लोगों से मेल मिलाप बढ़ाने से रोकता है । कभी कभी कार्यस्थल पर परेशानी भी झेलनी पड़ती है और अक्सर ईमानदार व्यक्तित्व की वजह से नौकरी या पेशा भी बदलना पड़ता है । करीब ४० वर्ष के बाद ये संतोषजनक तरक्की कर लेते हैं । इनमे अन्वेषण व् अनुसन्धान की गजब की क्षमता होती है ।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में उत्पन्न जातिकाएँ धर्मपरायण, कलात्मक, जमीन से जुडी हुई और समाज के लिए कार्यरत, लोगों में विख्यात व् सम्मानित होती हैं । इनकी एजुकेशन काफी अच्छी रहती है । आपके लिए बिन मांगी सलाह है की यदि अपने दिमाग का सकारात्मक उपयोग करें, घमंड के वशीभूत होकर या खुद को बहुत बुद्धिमान मानकर दूसरों का अपमान ना करें तो आपकी सामाजिक और वैवाहिक लाइफ बहुत अच्छी जाती है । आपके बच्चे भी बेहतर समाज का हिस्सा बनते हैं ।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के जातक/ जातिका की मैरिड लाइफ सुखी रहती है । आपका जीवनसाथी कर्तव्यनिष्ठ होगा और अपने परिवार के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तत्पर रहेगा। बच्चे बहुत अच्छे स्वभाव के होंगे और उनसे भरपूर सुख प्राप्त होगा । किसी पूर्व परिचित से विवाह की संभावना बनती है अथवा प्रेम विवाह हो सकता है ।
मानसिक कष्ट, कमर का दर्द, ह्रदय रोग, वायु एवं रक्त से सम्बंधित रोग हो सकते हैं । रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है ।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के जातक और जातिकाओं की शिक्षा बहुत अच्छी रहती है । ये जन्मजात अनुसंधानकर्ता होते हैं इसलिए विज्ञान इनका पसंदीदा विषय रहता है । इनमे से अधिकतर सोशल वर्कर होते हैं या सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते मिलते हैं । नौकरी व् बिज़नेस दोनों कर सकते हैं ।
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