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चंद्र ग्रह रहस्य वैदिक ज्योतिष – Moon Grah Hindu Astrology

चन्द्रमा माता व् मन का प्रतिनिधित्व करता है! पूर्णिमा के दिन चंद्र का प्रभाव पृथ्वी व् पृथ्वी वासिओं पर अधिक रहता है । चन्द्रमा के प्रभाव से ही समंदर में ज्वार भाटा आता है । हमारे शरीर में मौजूद जल पर चंद्र का पूर्ण प्रभाव रहता है , यदि जल दूषित हो जाये तो आप अनुमान लगा सकते हैं की कहीं न कहीं चंद्र पीड़ित अवस्था में होगा । चन्द्रमा के प्रभाव से ही माता व् माता समान से / को परेशानियों से दो चार होना पड़ता है ,या सम्बन्ध मधुर रहते हैं । मन पर पड़ने वाले अच्छे बुरे प्रभावों का मुख्य कारण भी कहीं न कहीं चंद्र ही होता है । चंद्र कर्क राशि का स्वामी है , वृष राशि में यह उच्च व् वृश्चिक में नीच का हो जाता है । माता या बुजुर्गों का अपमान करने से चंद्र दूषित हो जाता है और अपना दुष्प्रभाव दीखाने लगता है । ऐसा भी देखने में आया है की यदि कुंडली में चंद्र अशुभ या खराब अवस्था में हो और जातक मात्र भक्त हो तो चंद्र अपना बुरा प्रभाव कम ही दिखा पाते हैं । शायद इसी लिए बड़ों का आदर भारतवर्ष के रिचुअल्स में शुमार है ।



चंद्र ग्रह – राशि, भाव और विशेषताएं – Moon Grah Rashi – Bhav characteristics :

  • राशि स्वामित्व : कर्क
  • दिशा : उत्तर पश्चिम
  • दिन : सोमवार
  • तत्व: जल
  • उच्च राशि : वृष
  • नीच राशि : वृश्चिक
  • दृष्टि अपने भाव से: 7
  • लिंग: स्त्री
  • नक्षत्र : रोहिणी , हस्त , श्रवण
  • शुभ रत्न : मोती
  • महादशा समय : 10 वर्ष
  • मंत्र: ऊँ चं चंद्राय नम:
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चंद्र ग्रह के अशुभ फल – प्रभाव कुंडली – Moon Ashubh Fal – Moon Planet :

  • माता को कष्ट होता है
  • माता से कष्ट मिलता है
  • मन विचलित रहता है
  • निर्णय क्षमता कमजोर हो जाती है
  • किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाते
  • पेट खराब रहता है
  • लांछन लगने की संभावना रहती है
  • किसी काम में मन नहीं लगता है
  • सुख सुविधाओं का अभाव रहता है

चंद्र ग्रह के शुभ फल Moon Shubh fal , characteristics :

  • माता व् माता तुल्य लेडीज से सम्बन्ध मधुर रहते हैं
  • मन शांत रहता है
  • एक साथ कई काम करने की काबिलियत होती है
  • निर्णय क्षमता बेहतर होती है
  • रचनात्मकता बड़ी हुई होती है
  • ऊंचा पद प्राप्त होता है
  • सभी सुख सुविधाएँ प्राप्त होती है

चंद्र शांति के उपाय – रत्न – Moon shanti upay Stone / Rtn :

चंद्र कमजोर हो तो चाँदी की अंगूठी में मोती धारण किया जाना चाहिए । मोती के अभाव में चंद्रकांत मणि या मून स्टोन पहना जा सकता है । कोई भी रत्न धारणकरने से पूर्व किसी योग्य विद्वान की सलाह आवश्य लें । यदि जन्मकुंडली में चंद्र मारक हो तो करें ये उपाय:

  • सोने से पहले तांम्बे की गड़वी में पानी भर के रख्खें । सुबह थोड़ा समय लेकर इसे पियें । इसे जीवन भर करें ।
  • माता व् माता तुल्य लेडीज के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें , इनकी सेवा करें ।
  • सोमवार का व्रत रखें ।
  • हॉस्पिटल में दूध दान करें ।
  • किसी ब्राह्मण को सफेद वस्त्र दान करें ।
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