मकर लग्न की कुंडली में चंद्र सप्तम भाव के स्वामी हैं, लग्नेश शनि के अति शत्रु हैं । इस वजह से चंद्र इस कुंडली में एक मारक गृह माने जाते हैं । वहीँ मंगल चतुर्थेश व् एकादशेश हैं । इस वजह से मकर लग्न की कुंडली में मंगल एक सम गृह कहे जाते हैं । इस लग्न कुंडली में चन्द्रमंगल दोनों ग्रहों की किसी भाव में युति से महालक्ष्मी योग नहीं बनता है । जानते हैं धनु लग्न की कुंडली के विभिन्न भावों में चन्द्रमंगल की युति के कैसे परिणाम आने की सम्भावना रहती है……
मकर लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in first house in Capricorn/Makar lgna kundli :
मकर राशि में मंगल उच्च के हो जाते हैं तो अपनी दशाओं में अपने स्वामित्व वाले भावों के साथ साथ चौथे, सातवें व् आठवें भाव सम्बन्धी शुभ फलों में वृद्धिकारक होते हैं । वहीँ चंद्र की दशाओं में जातक का स्वास्थ्य खराब रहता है । सातवें भाव सम्बन्धी शुभ फल प्राप्ति की संभावना बनती है क्यूंकि सातवीं दृष्टि से चंद्र अपने भाव को देखते हैं तो इस भाव की रक्षा करते हैं ।
मकर लग्न की कुंडली में द्वितीय भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in second house in Capricorn/Makar lgna kundli :
द्वितीयस्थ चंद्र परिवार कुटुंब को/से हानि पहुंचाते हैं, जातक चुभने वाली भाषा बोलता है । चंद्र सप्तम दृष्टि से हर काम में रुकावटें बढ़ाते हैं । मंगल की चतुर्थ से पुत्र प्राप्ति का योग बनता है बनता है , वाणी थोड़ी रोबीली होती है, सातवीं दृष्टि से अष्टम भाव को देखने की वजह से रुकावटें दूर होती हैं, आठवीं दृष्टि से नवम भाव को देखकर विदेश यात्रा का योग बनाता है, जातक धार्मिक होता है, पितृ भक्त होता है । इस भाव में भी महालक्ष्मी योग नहीं बनता है ।
मकर लग्न की कुंडली में तृतीय भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in third house in Capricorn/Makar lgna kundli :
मकर लग्न की कुंडली में तृतीय भाव में भी महालक्ष्मी योग नहीं बनेगा । मंगल अपनी दशाओं में पराक्रम में वृद्धि करता है, परिश्रम करवाता है, जातक का काम यात्राओं से व् कड़ी मेहनत से जुड़ा हो सकता है, विदेश यात्राएं हो सकती हैं, विदेश सेटलमेंट की सम्भावना बनती है । चंद्र की दशाओं में भी परिश्रम में वृद्धि रहती है, यात्राएं होती हैं लेकिन बहुत परिश्रम के बाद भी परिणाम बहुत कम ही आते हैं ।
मकर लग्न की कुंडली में चतुर्थ भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in fourth house in Capricorn/Makar lgna kundli :
मंगल की दशाओं में जातक माता व् परिवार का सुख भोगता है । राज्य से लाभ प्राप्त करता है, उन्नति होने की सम्भावना बनती है । इसके अतिरिक्त मंगल अपनी दशाओं में बड़े भाई बहन व् बिज़नेस पार्टनर्स से भी लाभ प्राप्त होने का योग बनाते है । वहीँ चंद्र की दशाओं में जातक की माता से अनबन रहती है, माता के घुटनों में समस्या आने की सम्भावना रहती है, पारिवारिक सुख में कमी आती है, मकान वाहन का सुख नहीं भोगा जाता भले ही जातक बड़े मकान में रहता हो या अच्छी गाडी में आता जाता हो फिर भी अंदरूनी रूप से परेशान ही रहता है ।
मकर लग्न की कुंडली में पंचम भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in fifth house in Capricorn/Makar lgna kundli :
उच्च के चंद्र की दशा में पुत्री का योग बनता है । अचानक हानियां होती हैं, बड़े भाई बहन से भी अनबन होती है । मंगल पुत्र प्राप्ति का योग अवश्य बनाते हैं लेकिन अचानक हानि भी करवाता है, फिजूल के व्यय लगाए रखता है बीच बीच में बड़े भाई बहन की सपोर्ट मिलती रहती है । विदेश सेटलमेंट हो सकती है । ध्यान देने योग्य है चंद्र अपने घर से लाभ भाव में आया है तो दाम्पत्य सुख, दैनिक आय व् पार्टनर्स से लाभ अवश्य करवाता है ।
मकर लग्न की कुंडली में छठे भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in sixth house in Capricorn/Makar lgna kundli :
मिथुन राशि चंद्र मंगल की शत्रु राशि है और छठा भाव् त्रिक भाव में से एक भाव होता है, शुभ नहीं माना जाता है । यहाँ स्थित होने पर चंद्र व् मंगल दोनों की महादशा में जातक पीड़ा ही भोगता देखा गया है । इस प्रकार छठे भाव में चन्द्रमंगल की युति से महालक्ष्मी योग नहीं बनेगा । त्रिक भाव में महालक्ष्मी योग नहीं बनेगा । कड़ी मेहनत के बाद प्रतियोगिता में विजय हासिल हो पाती है क्यूंकि मंगल छठे भाव के कारक गृह हैं ।
मकर लग्न की कुंडली में सातवें भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in seventh house in Capricorn/Makar lgna kundli :
मंगल की दशाओं में सातवें, दसवें, पहले व् दुसरे भाव सम्बन्धी अशुभ फल प्राप्त होते हैं । चंद्र की दशाओं में सप्तम भाव सम्बन्धी शुभ फल प्राप्त होते हैं किन्तु पहले भाव पर चंद्र की सप्तम दृष्टि से जातक को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या आती है । लाइफ व् बिज़नेस पार्टनर्स के साथ अच्छे सम्बन्ध रहते हैं । दैनिक आय में वृद्धि होती है । सप्तम भाव में यदि मंगल नीच भांग राजयोग की स्थिति में भी आ जाए तो भी बहुत कम मात्रा में शुभ फल दे पाते हैं ।
मकर लग्न की कुंडली में आठवें भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in eighth house in Capricorn/Makar lgna kundli :
आठवाँ भाव् त्रिक भाव में से एक भाव होता है, शुभ नहीं माना जाता है । यहाँ स्थित होने पर चंद्र व् मंगल दोनों की महादशा में जातक मृत्यु तुल्य कष्ट भोगता है । बड़े भाई बहन से क्लेश बढ़ता है । कुटुंब सम्बन्धी प्रोब्लेम्स आती हैं । बहुत परिश्रम के बाद भी शुभ फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं । पार्टनर्स या माता का स्वास्थ्य खराब रहने का योग बनता है ।
मकर लग्न की कुंडली में नौवें भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in ninth house in Capricorn/Makar lgna kundli :
विवाह के पश्चात् जातक का भाग्य उदय का योग तो बनता है, पार्टनरशिप से भी जातक को लाभ प्राप्ति का योग बनता है लेकिन चंद्र अपनी दशाओं में नौवें व् तीसरे भाव सम्बन्धी अशुभ फल प्रदान करता है । जातक का भाग्य उसका साथ कम ही दे पाता है । वहीँ मंगल की दशाओं में भाग्य जातक का साथ देता है, ऐसा जातक विदेशों से भी धन अर्जित कर लेता है, छोटे भाई बहन से काम ही निभती है । माता से लगाव रहता है और चौथे भाव सम्बन्धी सुख जातक को प्राप्त होते हैं । महालक्ष्मी योग नहीं बनता है ।
मकर लग्न की कुंडली में दसवें भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in tenth house in Capricorn/Makar lgna kundli :
इस भाव में चंद्र मंगल की युति होने पर मंगल की महादशा में जातक के प्रोफेशन में उन्नति होती है । राज्य से लाभ प्राप्त होता है, सुखों में बढ़ौतरी होती है व् माता,पिता से बनती है । मंगल पहले, चौथे, पांचवें, दसवें व् ग्यारहवनें भावों सम्बन्धी शुभ फल प्रदान करता है । जातक का काम बुद्धि से सम्बंधित हो सकता है । चंद्र की दशाओं में प्रोफेशनल लाइफ में, पार्टनरशिप से लाभ में उन्नति होती है, माता से अनबन रहती है, पारिवारिक सुखों में कमी आती है ।
मकर लग्न की कुंडली में ग्यारहवें भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in eleventh house in Capricorn/Makar lgna kundli :
मंगल व् चंद्र के ग्यारहवें भाव में स्थित होने पर महालक्ष्मी योग नहीं बनेगा । चंद्र की दशाओं में चंद्र जातक के पेट में समस्या पैदा करते हैं, पुत्री का योग बनता है । वहीँ मंगल की दशाओं में बड़े भाई से बनती है, पुत्र प्राप्ति के योग बनते हैं, अचानक लाभ होता है, कुटुंब का साथ बना रहता है, प्रतियोगिता परिक्षा व् कोर्ट केस में जीत होती है ।
मकर लग्न की कुंडली में बारहवें भाव में महालक्ष्मी योग Mahalakshmi yoga in twelth house in Capricorn/Makar lgna kundli :
मकर लग्न की कुंडली में बारहवें भाव में महालक्ष्मी योग नहीं बनेगा क्यूंकि बारहवां भाव भाव् त्रिक भाव में से एक भाव होता है, शुभ नहीं माना जाता है । चंद्र व् मंगल दोनों की महादशा में जातक पीड़ा ही भोगता है ।
आशा है की उपरोक्त विषय आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा । आदियोगी का आशीर्वाद सभी को प्राप्त हो । ( Jyotishhindi.in ) पर विज़िट करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।