बृहस्पति ग्रह Jupiter Planet : देवों के गुरु वृहस्पति का ज्योतिष ही नहीं अपितु जीव मात्र के जीवन पर गहरा प्रभाव है । इन्हें देवगुरु कहा जाता है । ज्योतिष में ऐसी मान्यता है की प्राणी मात्र के जीवन को सात गृह सूर्य , चंद्र , मंगल , गुरु , शनि व् बुध तथा दो … Continue reading
तुला लग्न की कुंडली में प्रथम भाव से मांगलिक विचार Manglik Dosha consideration when Mars is in first house in Libra/Tula lgna kundli तुला लग्न की कुंडली में मंगल दुसरे व् सातवें भाव के स्वामी होते हैं । इस लग्न कुंडली में मंगल एक अकारक गृह बनते हैं । तुला लग्न की जन्मपत्री में यदि … Continue reading
केतु की कहानी ketu Devta Ke Janam Ki Kahani : जय माँ सरस्वती ….सभी पाठकों ने केतु की कथा अवश्य ही पढ़ी या सुनी होगी । जब मोहनी रूप में विष्णु भगवान् देवताओं को अमृत पान करवा रहे थे उस समय स्वर्भानु नाम का एक राक्षस देवता जैसा भेस धारणकर उनमे बैठ जाता है और … Continue reading
कन्या लग्न की कुंडली में प्रथम भाव से मांगलिक विचार Manglik Dosha consideration when Mars is in first house in Vergo/Kanya lgna kundli कन्या लग्न की कुंडली में मंगल तीसरे व् आठवें भाव के स्वामी होते हैं । इस लग्न कुंडली में मंगल एक अकारक गृह बनते हैं । कन्या लग्न में यदि मंगल प्रथम … Continue reading
सिंह लग्न की कुंडली में प्रथम भाव से मांगलिक विचार Manglik Dosha consideration when Mars is in first house in Leo/Singh lgna kundli सिंह लग्न की कुंडली में मंगल चौथे व् नौवें भाव के स्वामी होते हैं । कुंडली के दो शुभ भावों के स्वामी होने की वजह से इस लग्न कुंडली में मंगल एक … Continue reading
कर्क लग्न की कुंडली में प्रथम भाव से मांगलिक विचार Manglik consideration when Mars is in first house in Cancer/Kark lgna kundli कर्क लग्न की कुंडली में मंगल पांचवें व् दसवें भाव के स्वामी होते हैं । कुंडली के दो शुभ भावों के स्वामी होने की वजह से इस लग्न कुंडली में मंगल एक कारक … Continue reading
शनिदेव संक्षिप्त परिचय Shani Grah ka prabhav: ॐ श्री गणेशाय नमः ! पुष्य,अनुराधा, और उत्तराभाद्रपद.नक्षत्रों के स्वामी शनि देव को तीनो लोकों का न्यायकर्ता कहा गया है । न्यायकर्ता का काम ही होता है उचित अनुचि कर्मों का फल प्रदान करना । अब यदि किसी के जीवन में शनि की महादशा , अन्तर्दशा या साढ़ेसाती … Continue reading
शुक्र एक संक्षिप्त परिचय Shukra Grah ka Prabhav: भारतीय ज्योतिष में शुक्र को शैया सुख व् अन्य सभी प्रकार के भौतिक सुखों का कारक कहा गया है । वृष व् तुला राशियों के स्वामी शुक्र एक महान तपस्वी के रुप में प्रतिष्ठित हैं । यही कारण है की शुक्र मीन राशि जिसके स्वामी गुरु हैं … Continue reading
मिथुन लग्न की कुंडली में प्रथम भाव से मांगलिक विचार Manglik consideration when Mars is in first house in Mithun lgna kundli मिथुन लग्न की कुंडली में मंगल छठे व् ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं । षष्ठेश व् एकादशेश होने की वजह से इस लग्न कुंडली में एक अकारक गृह कहे जाते हैं । … Continue reading
मेष लग्न की कुंडली में प्रथम भाव से मांगलिक विचार Manglik consideration when Mars is in first house in Aries/Mesh lgna kundli : मेष लग्न की कुंडली में मंगल प्रथमेश व् अष्टमेश होते हैं । लग्नेश होने की वजह से एक शुभ गृह कहे जाते हैं । तो यदि मंगल प्रथम भाव में हों और … Continue reading