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कुंडली में पितृ दोष – Kundli me Pitra Dosh in Hindi

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  • ज्योतिष कुंडली में पितृ दोष – Pitra dosh in Vedic Astrology प्रचलित मान्यता के अनुसार यदि परिवार में किसी की अकाल मृत्यु हुयी हो, घर में बड़े बुजुर्गों का अपमान किया गया हो, माता पिता की मृत्यु पर्यन्त उचित ढंग से क्रियाकर्म और श्राद्ध न किया गया हो अथवा वार्षिक श्राद्ध न करने से पितरों … Continue reading

    मकर लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Capricorn/Makar

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  • मकर लग्न की कुंडली में चंद्र सप्तम भाव के स्वामी हैं, लग्नेश शनि के अति शत्रु हैं । इस वजह से चंद्र इस कुंडली में एक मारक गृह माने जाते हैं । वहीँ मंगल चतुर्थेश व् एकादशेश हैं । इस वजह से मकर लग्न की कुंडली में मंगल एक सम गृह कहे जाते हैं । … Continue reading

    पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush Yoga – Panch Mahapurush Yoga

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  • यूंतो जन्मपत्री में अनेक प्रकार के योग बनते हैं जो अपने अपने स्वभाव अनुरूप जातक को सकारात्मक अथवा नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं, परन्तु इनमे भी कुछ योग बहुत ही महत्वपूर्ण कहे गए हैं । यह योग जातक को मान प्रतिष्ठा तो प्रदान करते ही हैं साथ ही उसे सामाजिक भी बनाते हैं । ऐसा … Continue reading

    धनु लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Saggitarious/Dhanu

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  • धनु लग्न की कुंडली में चंद्र अष्टम भाव के स्वामी हैं । आप अच्छी तरह जान चुके हैं की आठवां घर त्रिक भाव होता है, शुभ नहीं माना जाता है । इस वजह से चंद्र इस कुंडली में एक मारक गृह बनते हैं । वहीँ मंगल पंचमेश व् द्वादशेश हैं, लग्नेश गुरु के मित्र भी … Continue reading

    रोहिणी नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Rohini Nakshatra Vedic Astrology

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  • अभी तक हमने अश्विनी,भरनी और कृतिका नक्षत्र के बारे में जाना । आज की हमारी चर्चा रोहिणी नक्षत्र पर केंद्रित होगी । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए … Continue reading

    वृश्चिक लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Scorpio/Vrishchik

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  • वृश्चिक लग्न की कुंडली में चंद्र नवम भाव के स्वामी हैं, एक योगकारक गृह बनते हैं । मंगल लग्नेश हैं और आठवें भाव के स्वामी हैं, इस वजह से मंगल एक अति योगकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही अपनी दशाओं में जातक को अधिकतर शुभ फल ही प्रदान करते हैं … Continue reading

    कृतिका नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Kritika Nakshatra Vedic Astrology

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  • अभी तक हमने अश्विनी और भरनी नक्षत्र के बारे में जाना । आज की हमारी चर्चा कृतिका नक्षत्र पर केंद्रित होगी । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए … Continue reading

    तुला लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Libra/Tula

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  • तुला लग्न की कुंडली में चंद्र दसवें भाव के स्वामी हैं । तुला लग्नं में एक सम गृह बनते हैं । मंगल दुसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं, इस वजह से मंगल एक अकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही अपनी दशाओं में जातक को अधिकतर अशुभ फल ही प्रदान … Continue reading

    भरणी नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Bharni Nakshatra Vedic Astrology

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  • आज की हमारी चर्चा भरनी नक्षत्र पर केंद्रित होगी । भरनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र हैं, नक्षत्र देव यम, राशि स्वामी मंगल, वर्ण वैश्य, गण मनुष्य, योनि गज, नाड़ी मध्य होती है । इस नक्षत्र से सम्बंधित वृक्ष आंवला है । आगे इन तथ्यों पर थोड़ा विस्तार से बात की जायेगी । यदि आपके कोई … Continue reading

    कन्या लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Virgo/Kanya

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  • कन्या लग्न की कुंडली में चंद्र एकादशेश ( ग्यारहवें भाव के स्वामी ) हैं, साथ ही लग्नेश बुद्ध के शत्रु भी हैं । इसलिए एक अकारक गृह बनते हैं । मंगल तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जिस वजह से मंगल भी एक अकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही … Continue reading

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