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हस्त नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Hast Nakshatra Vedic Astrology

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  • आज की हमारी चर्चा का केंद्र हस्त नक्षत्र है । यह आकाशमण्डल में मौजूद तेरहवां नक्षत्र है जो १६० डिग्री से लेकर १७३.२० डिग्री तक गति करता है । हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव, नक्षत्र देव सूर्य और राशि स्वामी बुद्ध देव हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव … Continue reading

    वृष लग्न की कुंडली में गजकेसरी योग – Gajkesari yoga Consideration in Taurus/Vrish

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  • पांच भावों के कारक गुरु व् सुख भाव के कारक चंद्र जब योग कारक होकर जन्मपत्री के किसी शुभ भाव में युति बनाते हैं तो इसे गजकेसरी योग कहा जाता है । यह योग गुरु के चंद्र से केंद्र में आने पर भी बना हुआ कहा जाता है, परन्तु हमारी रिसर्च में यह देखने में … Continue reading

    उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Uttar Phalguni Nakshatra Vedic Astrology

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  • आज की हमारी चर्चा का केंद्र उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है । यह आकाशमण्डल में मौजूद बारहवां नक्षत्र है जो १४६.४० डिग्री से लेकर १६० डिग्री तक गति करता है । उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव, नक्षत्र देव आर्यमा और राशि स्वामी सूर्य तथा बुद्ध देव हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें … Continue reading

    मेष लग्न की कुंडली में गजकेसरी योग – Gajkesari yoga Consideration in Aries/Mesh

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  • आज से हम एक नए योग पर चर्चा प्रारम्भ करने जा रहे हैं । इस योग को गजकेसरी योग के नाम से जाना जाता है । जब चंद्र व् गुरु किसी जन्मपत्री में योगकारक गृह हों और किसी शुभ भाव में युति बनाकर स्थित हों तो इसे गजकेसरी योग कहा जाता है । कुछ ज्योतिषी … Continue reading

    मकर लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Capricorn/Makar

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  • मकर लग्न की जन्मपत्री में सूर्य अष्टमेश होते हैं । सूर्य की शनि देव से शत्रुता भी है । इस लिए एक अकारक गृह बनते हैं और बुद्ध षष्ठेश, नवमेश व् शनि देव के अति मित्र होने की वजह से एक योगकारक गृह बनते हैं । अतः केवल बुध गृह ही योगकारक हैं । इस … Continue reading

    मकर लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Capricorn/Makar

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  • पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush yoga) मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक गृह के बलाबल के साथ केंद्र में स्वराशिस्थ अथवा उच्चराशिस्थ होने पर बनता है । सूर्य, चंद्र, राहु व् केतु पंचमहापुरुष योग नहीं बनाते । योगो की इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज हम जानेंगे मकर लग्न की … Continue reading

    मीन लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Pisces/Meen

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  • मीन लग्न की जन्मपत्री में सूर्य का षष्ठेश होना इन्हें मारकत्व प्रदान करता है, एक मारक गृह बनाता है । बुद्ध चतुर्थेश व् सप्तमेश हैं, एक सम गृह माने जाते हैं । इस जन्मपत्री में यदि सूर्य विपरीत राजयोग की स्थिति में आ जाएँ तो छह अथवा बारहवें भाव में स्थित होने पर भी शुभ … Continue reading

    मीन लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Pisces/Meen

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  • पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush yoga ) के बारे में विस्तृत जानकारी लेने से पहले जान लेना आवश्यक है की मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र ये पांच गृह ऐसे हैं जो पंचमहापुरुष योग बनाते हैं । इन ग्रहों में से कोई भी गृह यह योग बना सकता जो लग्नकुंडली का एक योगकारक अथवा सम गृह हो, … Continue reading

    मिथुन लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Gemini/Mithun

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  • यदि बुद्ध व् सूर्य योगकारक होकर जन्मपत्री के किसी शुभ भाव में युति बना लें तो इसे बुध आदित्य योग कहा जाता है । मिथुन लग्न की कुंडली में सूर्य तृतीय भाव के स्वामी हैं और अष्टम से अष्टम थ्यूरी के मुताबिक एक अकारक गृह बनते हैं वहीँ बुद्ध प्रथम व् चतुर्थ भाव के स्वामी … Continue reading

    मिथुन लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Gemini/Mithun

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  • पंचमहापुरुष योगों की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए आपको बताते चलें की मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ऐसे गृह हैं जो पंचमहापुरुष योग का निर्माण करते हैं । यह योग मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर बनता है । … Continue reading

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