ज्योतिषहिन्दीडॉटइन के नियमित पाठकों का ह्रदय से अभिनन्दन । भारतीय संस्कृति में महीनों के नाम ऋतुओं के आधार पर रखे गए जो की सहज भी प्रतीत होता है और तर्कसंगत भी । इसी प्रकार नक्षत्रों का नामकरण किया गया जिसका अपना ज्योतिषीय आधार है । आइये महीनों के नाम और नक्षत्रों के नामकरण के आपसी … Continue reading
बड़ों को प्रणाम, छोटों को स्नेहशीर्वाद के साथ आज के विषय का श्रीगणेश करता हूँ । मित्रों आजकल एक ज्योतिषीय थ्यूरी काफी प्रचलन में है । आशा है आपने भी इसके बारे में अवश्य सुन रख्खा होगा । इसे बाधकेश के नाम से जाना जा रहा है । आज हम आपको इस बाधकेश थ्यूरी की … Continue reading
गृह और रिश्ते Grahas and their impact on our relations ….. शायद आपको यकीन न आये लेकिन गृह रिश्तों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं और उन्हें प्रभावित भी करते हैं । आज हम यही जानने का प्रयास करेंगे की कौन से गृह किन किन रिश्तों को दर्शाते हैं और क्या ऐसे उपाय हो सकते हैं … Continue reading
नमस्कार मित्रों । ज्योतिषहिन्दीडॉटइन प्लेटफार्म पर आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ । आज आपके समक्ष कुछ ऐसे ज्योतिषीय योगों की चर्चा करने जा रहा हूँ जो जिनसे आप आसानी से अनुमान लगा सकते हैं की आप के अथवा जातक के अंदर कामुकता का स्तर क्या है ? आप अत्यधिक कामुक हैं या नहीं ? सेक्स … Continue reading
मृत्यु के कारणों की चर्चा आरम्भ करने से पूर्व कुछ विशेष बातों को ध्यान में ले लें तो बेहतर होगा । जैसा की आप जानते हैं की लग्न कुंडली के दुसरे और सातवें भाव को मारकेश कहा जाता है । दूसरा और सप्तम भाव मृत्यु तुल्य कष्ट प्रदान करते हैं न की मृत्यु । अष्टम … Continue reading
ज्योतिषहिन्दी.इन के नियमित पाठकों का ह्रदय से अभिनन्दन । आज हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय को लेकर आपके समक्ष प्रस्तुत हो रहे हैं । यह विषय है “नक्षत्रों का शरीर के अंगों पर प्रभाव” Nakshtras effects on different body parts । अभी तक आप जान ही चुके हैं की प्रत्येक राशि के अंतर्गत सवा दो … Continue reading
माँ कामाख्या को शत शत नमन माँ कामाख्या शक्तिपीठ गुआहाटी से करीब आठ किलोमीटर नीलांचल पर्वत पर स्थित है । बड़े से बड़े तांत्रिक या साधक की साधना माँ के आशीर्वाद के बिना अधूरी मानी जाती है । ऐसा माना जाता है की यदि तांत्रिक यहाँ आकर माँ का आशीर्वाद प्राप्त न करे तो माँ … Continue reading
रामेश्वरम… वैष्णववाद और शैववाद का पवित्र संगम, दक्षिण का बनारस करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रामेश्वरम एक धार्मिक स्थल होने के साथ साथ अत्यंत रमणीय स्थल के रूप में भी विख्यात है । यहाँ स्वयं श्री राम ने दो ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की जिनमे से पहले को “रामलिंगम” और दूसरे को “वैश्वलिंगम” कहा जाता … Continue reading
गुजरात के सौराष्ट्र की वेरावल बंदरगाह में स्थित सोमनाथ मंदिर हिन्दू संस्कृति के गौरवशाली इतिहास का जीवंत प्रमाण है । चंद्र देवता का एक नाम सोम है और सोम के नाथ हैं शिव अर्थात भोलेनाथ । भारत के सर्वप्रथम बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला ज्योतिर्लिग है सोमनाथ । यह प्राचीनतम तीर्थस्थलों में से एक धार्मिक … Continue reading
प्रचलित मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु जब अपने चारों धामों की यात्रा पर जाते हैं तो हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने बद्रीनाथ धाम में स्नान करते हैं, पश्चिम में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र बदलते हैं, पुरी में भगवान् श्री का भोजन होता है और दक्षिण के रामेश्वरम में विश्राम करते हैं । ऐसा … Continue reading