आज की हमारी चर्चा धनिष्ठा नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद तेइसवां नक्षत्र है जो २९३.२० डिग्री से लेकर ३०६.४० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को अविहा, वसु भी कहा जाता है । धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल, नक्षत्र देवता वसु और राशि स्वामी शनि हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए हम वचनबद्ध हैं ।
धनिष्ठा नक्षत्र आकाशमण्डल में मौजूद चार तारों से बनी हुई आकृति है । इसका प्रतीक चिन्ह ड्रम, बांसुरी, ढोल या मृदंग है । इस नक्षत्र के स्वामी मंगल देव हैं और यह नक्षत्र मकर राशि में २३.२० डिग्री से ६.४० डिग्री कुम्भ राशि तक गति करता है । इस नक्षत्र के देवता वसु हैं । धनिष्ठा नक्षत्र के जातकों के जीवन पर मंगल व् शनि देव का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है ।
धनिष्ठा नक्षत्र में उत्पन्न जातक बहुत अधिक ऊर्जावान, दयालु, परिश्रमी व् सक्सेसफुल होते हैं । आप किसी से भी नहीं घबराते । साथ ही आप मनसा, वाचा व् कर्मणा किसी भी प्रकार से किसी का अहित नहीं चाहते । आपके पास धन, मकान के साथ साथ बहुत से वाहन भी होते हैं । इसके बावजूद भी आप अपने अंदर एक खालीपन महसूस करते हैं । आपके आस पास के लोगों को इस बात का अहसास भी नहीं होता क्यूंकि आप देखने में परिपूर्ण लगते हैं । आप दान पुण्य भी प्रचुर मात्रा में करते हैं । क्यूंकि आप सक्सेसफुल होते हैं इसलिए आपके बहुत से मित्र हो सकते हैं । परन्तु मित्रों व् चीजों की अधिकता के बावजूद भी आपको खालीपन भरता हुआ नहीं दीखता । आप बहुत संवेदनशील हैं परन्तु घबराने वालों में से नहीं हैं । जो आपको कमजोर समझने की भूल करते हैं या आपकी संवेदनशीलता की रेस्पेक्ट करना नहीं जानते उन्हें मुँह की खानी पड़ती है । देर सावेर आपके शत्रु भी इस बात से भली प्रकार परिचित हो जाते हैं की आप किसी से भी घबराते नहीं हैं । आपको यात्राएं करना, नयी जगहों पर जाना बहुत पसंद है । आप सेहत के प्रति लापरवाह होते हैं ।
धनिष्ठा नक्षत्र के जातकों की मैरिड लाइफ अच्छी होती है । पत्नी के साथ प्रचुर मात्रा में धन का आगमन होता है अथवा पत्नी के सहयोग से बहुत धन प्राप्त होता है । आपको उत्तम जीवनसाथी प्राप्त होता है परन्तु ससुराल पक्ष से कोई सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता । कभी कभी तो ससुराल से बिलकुल भी नहीं बनती । इस नक्षत्र की जातिकाओं की मैरिड लाइफ अधिक अच्छी नहीं कही जा सकती ।
कफ,कोल्ड से होने वाली समस्याएं, हाथ पैर की हड्डी टूटना, खून बहुत पतला होना, रक्त में एच.बी बहुत कम मात्रा में होना, रक्तचाप अथवा ह्रदय से सम्बंधित रोग होने की संभावना बनती है । रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है । नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में बहुत अधिक सहायक होती है ।
धनिष्ठा नक्षत्र के जातकों का प्रिय विषय विज्ञान है, इस नक्षत्र के जातक की बुद्धि बहुत तीक्ष्ण होती है तथा ऐसे जातक बहुमुखी प्रतिभा के धनि होते हैं । ये बाहर से कामों में निपुण होते हैं । इनमे बहुत से प्रोफेशन में जाने की क्षमता होती है और सभी जगह बेहतर प्रदर्शन करते हैं । ये बहुत अच्छे शिक्षाविद भी हो सकते हैं और एडमिनिस्ट्रेटिव भी ।
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