यदि बुद्ध व् सूर्य योगकारक होकर जन्मपत्री के किसी शुभ भाव में युति बना लें तो इसे बुध आदित्य योग कहा जाता है । मिथुन लग्न की कुंडली में सूर्य तृतीय भाव के स्वामी हैं और अष्टम से अष्टम थ्यूरी के मुताबिक एक अकारक गृह बनते हैं वहीँ बुद्ध प्रथम व् चतुर्थ भाव के स्वामी … Continue reading
पंचमहापुरुष योगों की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए आपको बताते चलें की मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ऐसे गृह हैं जो पंचमहापुरुष योग का निर्माण करते हैं । यह योग मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर बनता है । … Continue reading
पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush yoga)केवल मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच गृह ही बनाते हैं । इन ग्रहों में से कोई भी यह योग बना सकता है । आवश्यक यह है की गृह लग्नकुंडली का एक योगकारक अथवा सम गृह हो, बलाबल में ताकतवर हो और केंद्र भाव में से किसी एक भाव में स्वग्रही … Continue reading
कुम्भ लग्न की जन्मपत्री में सूर्य सप्तमेश ( सातवें भाव के स्वामी ) होते हैं । सूर्य की शनि देव से शत्रुता भी है । इस लिए एक अकारक गृह बनते हैं और बुद्ध पंचमेश, अष्टमेश व् शनि देव के अति मित्र होने की वजह से एक योगकारक गृह बनते हैं । अतः केवल बुध … Continue reading
योगों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज हम धनु लग्न की कुंडली में बनने वाले पंचमहापुरुष योगों (Panchmahapurush yoga) की चर्चा करेंगे । जैसा की अभी तक आपने जाना की पंचमहापुरुष योग बनाने के लिए मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक गृह का बलाबल के साथ केंद्र में … Continue reading
धनु लग्न की जन्मपत्री में सूर्य भाग्येश व् बुध सप्तमेश, दशमेश होते हैं । अतः बुद्ध सम व् सूर्य एक योगकारक गृह हैं । इस वजह से दोनों ही गृह अपनी दशाओं में शुभ फल प्रदान करते हैं । शुभाशुभ फल प्रदान करने के लिए दोनों ग्रहों का बलाबल में सुदृढ़ होना बहुत आवश्यक है … Continue reading
पंचमहापुरुष योग की श्रृंखला में आज वृश्चिक लग्न की कुंडली में बनने वाले पंचमहापुरुष योग के बारे में चर्चा की जाएगी । अभी तक आप भली प्रकार जान ही चुके है की पंचमहापुरुष योग बनाने के लिए मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक गृह का बलाबल के साथ केंद्र … Continue reading
तुला लग्न की जन्मपत्री में किसी भी भाव में बुधादित्य योग नहीं बनता है । इसका मुख्य कारण है सूर्य का एकादशेश होकर अकारक होना । बुद्ध लग्नेश शुक्र के मित्र होने के साथ साथ नवमेश व् द्वादशेश हैं । इस लग्न कुंडली में एक योगकारक गृह बनते हैं । यदि शुक्र बलवान हों और … Continue reading
पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush yoga) की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज हम तुला लग्न की कुंडली में बनने वाले पंचमहापुरुष योग के बारे में जानेंगे । अभी तक आप जान ही चुके है की यह योग बनाने के लिए मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक गृह का बलाबल के … Continue reading
यदि किसी कुंडली में पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush yoga) का निर्माण होता हो तो वह साधारण नहीं रहती विशिष्ट हो जाती है । यह योग बनाने के लिए मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक गृह का बलाबल के साथ केंद्र में स्वराशिस्थ अथवा उच्चराशिस्थ होना परम आवश्यक है । सूर्य, … Continue reading