ज्योतिष में चन्द्रमा मन , माता , जल , भावुकता और सुंदरता आदि के कारक हैं । इनकी उत्पत्ति के सम्बन्ध में विद्वानों के अलग अलग मत हैं । पुराणों में मौजूद कहानिया भी चन्द्रमा के जन्म के सम्बन्ध में एकमत नहीं मालूम पड़ती । आज हम इन अलग अलग मतों के आधार पर चन्द्रमा … Continue reading
आपके भीतर यदि ग्रहों को समझने की लालसा है और आप ग्रहों के गुण तत्वों , आचार – व्यवहार की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके लिए इनसे सम्बंधित कहानियों को जरूर पढ़ना , समझना और जानना बहुत आवश्यक हो जाता है । ये कथाएं निसंदेह आपके ज्योतिषीय ज्ञान के लिए वृद्धिकारक होंगी और … Continue reading
राहु संक्षिप्त परिचय Rahu Grah ka prabhav: राहु आठ श्यामवर्णी घोड़ों पर सवारी करते हैं । यदि राहु कुंडली में उच्च के हों तो जातक पर माँ दुर्गा की विशेष कृपा होती है । ऐसे जातक में उच्च कोटि के साधक होने के सारे गुण मौजूद होते हैं । उच्च का राहु जातक को बहुत … Continue reading
बृहस्पति ग्रह Jupiter Planet : देवों के गुरु वृहस्पति का ज्योतिष ही नहीं अपितु जीव मात्र के जीवन पर गहरा प्रभाव है । इन्हें देवगुरु कहा जाता है । ज्योतिष में ऐसी मान्यता है की प्राणी मात्र के जीवन को सात गृह सूर्य , चंद्र , मंगल , गुरु , शनि व् बुध तथा दो … Continue reading
केतु की कहानी ketu Devta Ke Janam Ki Kahani : जय माँ सरस्वती ….सभी पाठकों ने केतु की कथा अवश्य ही पढ़ी या सुनी होगी । जब मोहनी रूप में विष्णु भगवान् देवताओं को अमृत पान करवा रहे थे उस समय स्वर्भानु नाम का एक राक्षस देवता जैसा भेस धारणकर उनमे बैठ जाता है और … Continue reading
शनिदेव संक्षिप्त परिचय Shani Grah ka prabhav: ॐ श्री गणेशाय नमः ! पुष्य,अनुराधा, और उत्तराभाद्रपद.नक्षत्रों के स्वामी शनि देव को तीनो लोकों का न्यायकर्ता कहा गया है । न्यायकर्ता का काम ही होता है उचित अनुचि कर्मों का फल प्रदान करना । अब यदि किसी के जीवन में शनि की महादशा , अन्तर्दशा या साढ़ेसाती … Continue reading
शुक्र एक संक्षिप्त परिचय Shukra Grah ka Prabhav: भारतीय ज्योतिष में शुक्र को शैया सुख व् अन्य सभी प्रकार के भौतिक सुखों का कारक कहा गया है । वृष व् तुला राशियों के स्वामी शुक्र एक महान तपस्वी के रुप में प्रतिष्ठित हैं । यही कारण है की शुक्र मीन राशि जिसके स्वामी गुरु हैं … Continue reading
अंगारक, भौम, रक्ताक्ष तथा महादेव (Mahadev) पुत्र के नाम से प्रसिद्ध मंगल देवता एक क्रूर देव गृह के रूप में जाने जाते हैं। त्रिशूल, गदा, पद्म और भाला या शूल धारण किये इस गृह का रंग लाल माना जाता है और इसका वाहन भेड़ व् सप्ताह के सात दिनों में मंगलवार पर इसका आधिपत्य कहा … Continue reading
ॐ श्री गणेशाय नमः… भारत में ज्योतिष विज्ञान एक पूर्ण विकसित विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठित है। करीब आठ सौ साल की दासता के बाद भी ज्योतिष की चमक कतई फीकी नहीं पड़ी, वरन इस देव विधा को पश्चिम के विष्वविधालयों में भी ससम्मान स्वीकार किया गया है। आज सैकड़ों विद्यार्थी इस विषय पर अनुसंधान … Continue reading
वृहस्पति गृह वैदिक ज्योतिष में देवताओं के भी गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हैं । यूँ तो कुंडली के पांच भावों के कारक गुरु एक सौम्य, देव ग्रह है , लेकिन मान ऐसा है की भरी सभा में प्रवेश करें तो राजा को भी उठ कर स्वागत करना पड़े। ज्ञान के प्रतीक गुरु सभी प्रकार … Continue reading