ज्योतिषहिन्दी.इन के नियमित पाठकों का ह्रदय से अभिनन्दन । आज हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय को लेकर आपके समक्ष प्रस्तुत हो रहे हैं । यह विषय है “नक्षत्रों का शरीर के अंगों पर प्रभाव” Nakshtras effects on different body parts । अभी तक आप जान ही चुके हैं की प्रत्येक राशि के अंतर्गत सवा दो … Continue reading
ज्योतिषहिन्दीडॉटइन के पाठकों का अभिनन्दन । हमारा प्रयास रहता है की आपके समक्ष कोई न कोई ऐसी जानकारी प्रस्तुत की जाए जिससे आप लाभान्वित हों और आपके ज्योतिषीय ज्ञान में वृद्धि आवश्य हो । आज हम आपसे शुभ अशुभ नक्षत्रों सम्बन्धी जानकारी साँझा कर रहे हैं । किसी भी कार्य को आरम्भ करने से पूर्व … Continue reading
आज की हमारी चर्चा रेवती नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद सत्ताईसवाँ नक्षत्र है जो ३४६.४० डिग्री से लेकर ३६० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को पूषा अथवा पौशनम नाम से भी जाना जाता है । रेवती नक्षत्र के स्वामी बुद्ध, नक्षत्र देवता पुष्य और राशि स्वामी गुरु हैं … Continue reading
आज की हमारी चर्चा उत्तरभाद्रपद नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद छब्बीसवाँ नक्षत्र है जो ३३३.२० डिग्री से लेकर ३४६.४० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को अहिर्बुध्न्य नाम से भी जाना जाता है । उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी शनि, नक्षत्र देवता अहिर्बुध्न्य और राशि स्वामी गुरु हैं । यदि … Continue reading
आज की हमारी चर्चा पूर्वभाद्रपद नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद पच्चीसवां नक्षत्र है जो ३२० डिग्री से लेकर ३३३.२० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को अजयपद नाम से भी जाना जाता है । पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी गुरु, नक्षत्र देवता अजयपद और राशि स्वामी शनि तथा गुरु हैं … Continue reading
आज की हमारी चर्चा शतभिषा नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद तेइसवां नक्षत्र है जो ३०६.४० डिग्री से लेकर ३२० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को प्रयोत्ता, शततारका, वरुणा व् यम भी कहा जाता है । शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु, नक्षत्र देवता वसु और राशि स्वामी शनि हैं … Continue reading
आज की हमारी चर्चा धनिष्ठा नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद तेइसवां नक्षत्र है जो २९३.२० डिग्री से लेकर ३०६.४० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को अविहा, वसु भी कहा जाता है । धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल, नक्षत्र देवता वसु और राशि स्वामी शनि हैं । यदि आपके … Continue reading
आज की हमारी चर्चा श्रवण नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद बाइसवां नक्षत्र है जो २८० डिग्री से लेकर २९३.२० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को विष्णु, श्रुति भी कहा जाता है । श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्र, नक्षत्र देवता विष्णु और राशि स्वामी शनि हैं । यदि आपके … Continue reading
आज की हमारी चर्चा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद इक्कीसवाँ नक्षत्र है जो २६६.४० डिग्री से लेकर २८० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को विश्वम भी कहा जाता है । उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य, नक्षत्र देवता विश्वदेव और राशि स्वामी गुरु तथा शनि हैं । यदि … Continue reading
आज की हमारी चर्चा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद बीसवां नक्षत्र है जो २५३.२० डिग्री से लेकर २६६.४० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र को जलम या तोयम भी कहा जाता है । पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र, नक्षत्र देवता जल और राशि स्वामी गुरु हैं । यदि … Continue reading