लग्न विचार

मीन लग्न की कुंडली में चंद्र – Meen Lagn Kundali me Chander (Moon)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार चंद्र मन , माता व् जल के कारक कहे गए हैं । शरीर में मौजूद ७४ – ७५ प्रतिशत जल को पूरी तरह से प्रभावित करने में चन्द्रमा पूरी तरह से सक्षम कहे गए हैं । स्वभाव से चंचल , ह्रदय से कोमल चंद्र देव वृष … Continue reading

वृश्चिक लग्न की कुंडली में गुरु – Vrishchik Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । वृश्चिक लग्न की कुंडली में गुरु द्वितीयेश , पंचमेश होकर एक कारक गृह के … Continue reading

तुला लग्न की कुंडली में गुरु – Tula Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । तुला लग्न की कुंडली में गुरु तृतीयेश , षष्ठेश होकर एक मारक गृह के … Continue reading

मीन लग्न की कुंडली में गुरु – Meen Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । मीन लग्न की कुंडली में गुरु लग्नेश , दशमेश होकर एक कारक गृह के … Continue reading

मकर लग्न की कुंडली में गुरु – Makar Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । मकर लग्न की कुंडली में गुरु तृतीयेश , द्वादशेश होकर एक मारक गृह के … Continue reading

कुम्भ लग्न की कुंडली में गुरु – Kumbh Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । कुम्भ लग्न की कुंडली में गुरु द्वितीयेश , एकादशेश होकर एक कारक गृह के … Continue reading

कन्या लग्न की कुंडली में गुरु – Kanyaa Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । कन्या लग्न की कुंडली में गुरु चतुर्थेश , सप्तमेश होकर एक सम गृह के … Continue reading

धनु लग्न की कुंडली में गुरु – Dhanu Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । धनु लग्न की कुंडली में गुरु लग्नेश , चतुर्थेश होकर एक कारक गृह के … Continue reading

सिंह लग्न की कुंडली में गुरु – Singh Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं में वृहस्पति को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है। स्वभाव से साधू देव गुरु धनु व् मीन राशि के स्वामी हैं जो कर्क में उच्च व् मकर राशि में नीच के माने जाते हैं । सिंह लग्न की कुंडली में गुरु पंचमेश, अष्टमेश होकर एक कारक गृह के रूप … Continue reading

कन्या लग्न की कुंडली में मंगल – Kanya Lagn Kundali me Mangal (Mars)

भारत देश में प्रचलित पौराणिक ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार मंगल देवताओं के सेनापति कहे जाते हैं । स्वभाव से क्रूर देव गृह मंगल मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं जो कर्क में नीच व् मकर राशि में उच्च के माने जाते हैं । कन्या लग्न की कुंडली में मंगल तृतीयेश, अष्टमेश होकर एक मारक … Continue reading

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