लग्न विचार

मेष लग्न की कुंडली में सूर्य – Mesh Lagn Kundali me Surya (Sun)

भारतीय पौराणिक मान्यताओं में सूर्य को एक आत्म कारक देव गृह माना गया है । इन्हें ऐसे देव गृह कहा जाता है जो दृश्य हैं , जिसे हम प्रत्यक्ष देख सकते हैं । सूर्य देव शरीर में आत्मा , हड्डियों , दिल व् आँखों के कारक कहे जाते हैं । मेष लग्न कुंडली में सूर्य … Continue reading

मेष लग्न की कुंडली में चंद्र – Mesh Lagn Kundali me Chandra (Moon)

मेष लग्न कुंडली में चंद्र चतुर्थ भाव का स्वामी होने से एक कारक गृह बनता है । अतः ऐसी स्थिति में चंद्र जिस भाव में जाएगा और जिस भाव को देखेगा उन भावोंसे सम्बंधित फलों को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करेगा और उनमे बढ़ोतरी करेगा । मेष लग्न की कुंडली में अगर चंद्र बलवान ( … Continue reading

मेष लग्न की कुंडली में गुरु – Mesh Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

मेष लग्न कुंडली में देव गुरु वृहस्पति नवमेश , द्वादशेश होते हैं । देव लग्न की कुंडली के त्रिकोण में देव गुरु की मूल राशि आती है । अतः इस लग्न कुंडली में गुरुएक कारक गृह हैं । ऐसी स्थिति में गुरु जिस भाव में स्थित होते हैं , और जिस भाव से दृष्टि संबंध … Continue reading

मेष लग्न की कुंडली में शुक्र – Mesh Lagn Kundali me Shukr (Venus)

आज हम मेष लग्न की कुंडली में शुक्र के बारे में विस्तार से जान्ने का प्रयास करेंगे । हम जानेंगे की मेष लग्न की कुंडली में 12 भावों में शुक्र कैसे फल प्रदान करतेहैं । मेष लग्न कुंडली में शुक्र द्वितीय और सप्तम भाव का स्वामी होने से एक मारक गृह बनता है । अतः … Continue reading

मेष लग्न की कुंडली में मंगल – Mesh Lagn Kundali me Mangal (Mars)

आज हम मेष लग्न की कुंडली के बारे में विस्तार से जान्ने का प्रयास करेंगे । हम जानेंगे की मेष लग्न की कुंडली में 12 भावों में मंगल कैसे फल प्रदान करते हैं । मंगल प्रथम और अष्टम भाव का स्वामी होता है । यह लग्नेश और अष्टमेश होने से जातक के रूप, चिन्ह, जाति, … Continue reading

मेष लग्न की कुंडली में बुद्ध – Mesh Lagn Kundali me Budh (Mercury)

आज हम मेष लग्न की कुंडली में बुद्ध के बारे में विस्तार से जान्ने का प्रयास करेंगे । हम जानेंगे की मेष लग्न की कुंडली में १२ भावों में बुद्ध कैसे फल प्रदान करतेहैं । मेष लग्न कुंडली में बुद्ध तृतीय और षष्टम भाव का स्वामी होने से एक मारक गृह बनता है । अतः … Continue reading

मीन लग्न कुंडली (Meen Lagna) – जानकारी, विशेषताएँ, शुभ -अशुभ ग्रह

कुंडली का प्रथम भाव ‘लग्न होता है जो व्यक्ति के व्यवहार को तय करता है । मीन राशि का चिन्ह दो मछलियों का जोड़ा है। स्वामी वृहस्पति ,व् वर्ण ब्राह्मण होता है । ये एक द्विस्वभावी जल तत्व राशि है । मछली की तरह ही इनका स्वभाव होता है यह सदैव स्वतंत्र रहना पसंद करते … Continue reading

कुम्भ लग्न कुंडली (Kumbh Lagna) – जानकारी, विशेषताएँ, शुभ -अशुभ ग्रह

लग्न स्वामी शनि , चिन्ह घड़ा , तत्व वायु , जाति शूद्र , स्वभाव स्थिर , आराध्य माँ दुर्गा होते हैं । कुम्भ राशि भचक्र की ग्यारहवें स्थान पर आने वाली राशि है । राशि का विस्तार 300 अंश से 330 अंश तक फैला हुआ है । धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरणों, शतभिषा के … Continue reading

मकर लग्न कुंडली (Makar Lagna) – जानकारी, विशेषताएँ, शुभ -अशुभ ग्रह

लग्न स्वामी शनि, चिन्ह मगरमच्छ, तत्व पृथ्वी, जाति वैश्य, स्वभाव चर, आराध्य बजरंग बलि होते हैं! मकर राशि भचक्र की दसवें स्थान पर आने वाली राशि है! राशि का विस्तार 270 अंश से 300 अंश तक फैला हुआ है । उत्तराषाढ़ा के दुसरे, तीसरे, चौथे चरण , श्रवण के चारों चरण तथा धनिष्ठा के पहले … Continue reading

धनु लग्न कुंडली (Dhanu Lagna) – जानकारी, विशेषताएँ, शुभ -अशुभ ग्रह

लग्न स्वामी गुरु, चिन्ह धर्नुधर हैं जिसका पीछे का शरीर घोड़े का होता है हाथ में धनुष जिस पर बाण चढ़ा हुआ होता है, तत्व अग्नि, जाति क्षत्रिय, स्वभाव द्विस्भावी, आराध्य बजरंग बलि होते हैं । धनु लग्न के जातक का व्यक्तित्व व् विशेषताएँ। Dhanu Lagn jatak – Sagittarius Ascendent राशि स्वामी वृहस्पति होने से … Continue reading

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