ज्योतिष विशेष

जानिए राहु महादशा के बारे में – Know about Rahu Mahadasha

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  • वैदिक ज्योतिष में राहु को एक छाया गृह के रूप में जाना जाता है । इन्हें तीसरे, छठे और दसवें भाव का कारकत्व प्राप्त है । राहु महादशा अठारह वर्ष की होती है । आज हम jyotishhindi.in के माध्यम से आपसे सांझा करने जा रहे हैं की मति भ्र्म, छल कपट, चालबाजी के कारक और … Continue reading

    जानिए शुक्र महादशा के बारे में – Know about Venus Mahadasha

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  • वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को दैत्य गुरु के रूप में जाना जाता है । इन्हें चौथे भाव में दिशाबाल प्राप्त होता है । कालपुरुष कुंडली में शुक्र को को दुसरे व् सातवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है । इनकी महादशा बीस वर्ष की होती है । आज हम jyotishhindi.in के माध्यम से आपसे सांझा … Continue reading

    जानिए शनि महादशा के बारे में – Know about Saturn Mahadasha

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  • नव ग्रहों में शनि देव को सूर्य पुत्र तथा न्यायधीश के रूप में जाना जाता है । इन्हें सप्तम भाव में दिशाबाल प्राप्त होता है । कालपुरुष कुंडली में शनि को को दसवां, ग्यारहवां भाव प्राप्त है । इनकी महादशा उन्नीस वर्ष की होती है । आज हम jyotishhindi.in के माध्यम से आपसे सांझा करने … Continue reading

    जानिए गुरु महादशा के बारे में – Know about Jupiter Mahadasha

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  • नव ग्रहों में वृहस्पति देव सबसे अधिक शुभ गृह के रूप में जाने जाते हैं । इन्हें देवगुरु का दर्जा प्राप्त है । कुंडली का दूसरा, पांचवां, नौवां, दसवां और ग्यारहवां भाव देव गुरु के कारक भाव कहे गए हैं । लग्न भाव में गुरु को दिशाबाल प्राप्त है । कालपुरुष कुंडली में गुरु को … Continue reading

    जानिए मंगल महादशा के बारे में – Know about Mars Mahadasha

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  • नव ग्रहों में मंगल को सेनापति का दर्जा प्राप्त है । कुंडली का तीसरा और छठा भाव मंगल का कारक भाव कहा गया है और दसवें भाव में मंगल को दिग्बली कहा गया है । कालपुरुष कुंडली में मंगल को को पहला व् आठवाँ भाव प्रदान किया गया है । पराक्रम व् ऊर्जा के प्रतीक … Continue reading

    जानिए चंद्र महादशा के बारे में – Know about Moon mahadasha

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  • प्राणी मात्र के शरीर में विधमान जल चंद्र है । चन्द्रमा को मन व् माता दोनों का कारक कहा गया है । कालपुरुष कुंडली में चन्द्रमा को चौथा भाव प्रदान किया गया है जिसे सुख भाव भी कहा जाता है । इनकी महादशा दस वर्षों की होती है । चंद्र को एक सौम्य गृह के … Continue reading

    जानिए सूर्य महादशा के बारे में – Know about Sun Mahadasha

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  • सूर्य सम्पूर्ण जगत की आत्मा है । वैदिक ज्योतिष में सूर्य देवता को नव ग्रहों का राजा कहा गया है । इनकी महादशा छह वर्षों की होती है । यधपि सूर्य को एक क्रूर गृह के रूप में जाना जाता है किन्तु कुछ ज्योतिष विद्वान सूर्य देवता को निम्न पापी गृह भी मानते हैं । … Continue reading

    आर्द्रा नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Ardra Nakshatra Vedic Astrology

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  • आज की हमारी चर्चा आर्द्रा नक्षत्र पर केंद्रित होगी । यह आकाशमण्डल में मौजूद छठवां नक्षत्र है जो ६६.४० डिग्री से लेकर ८० डिग्री तक गति करता है । आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु, नक्षत्र देव शिव (रौद्र रूप ) और राशि स्वामी बुद्ध देव हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें … Continue reading

    ज्योतिष में ग्रहों व् राशियों की दिशा – Direction for Planets & Signs

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  • ज्योतिष में दिशा – Know about Favourable Direction in Jyotish किसी भी जातक की सफलता उसके ग्रहों की दशा और दिशा दोनों पर निर्भर करती है । साधारण तौर पर ग्रहों का कारकत्व मारकत्व, गृह का बल, नवमांश में गृह की स्थिति, चलित, देश, काल, परिस्थिति आदि तथ्यों को ध्यान में रखकर फलादेश कर दिया … Continue reading

    ज्योतिष कुंडली में गोचर का अर्थ और महत्व – Janiye Gochar jyotish ke bare me

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  • गोचर क्या है What is gochar गोचर दो शब्दों की संधि है । गो + चर । गो से अर्थ लिया जाता है तारा । इसे हम नक्षत्र या गृह भी कहते हैं । इसी प्रकार चर से अभिप्राय है चलायमान । अतः ग्रहों की निरंतर गतिशीलता को गोचर कहा जाता है । ज्योतिषीय दृष्टि … Continue reading

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