कन्या लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में बुद्धादित्य योग Budhaditya yoga in Virgo जब सूर्य बुद्ध कारक होकर कुंडली के किसी शुभ भाव में युति बना लें और बुद्ध अस्त न हों तो बुद्धादित्य राजयोग का निर्माण होता है । यह योग बनाने के लिए दोनों ग्रहों का शुभ भावों में होना अनिवार्य कहा … Continue reading
जैसा की आप सभी जानते ही हैं की हमारी चर्चा विभिन्न लग्नकुंडलियों में पंचमहापुरुष योग के बारे में जारी है । इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज हम जानेंगे की सिंह लग्न की कुंडली में कौन कौन से पंचमहापुरुष योग बनते हैं । आपको बताते चलें की सूर्य, चंद्र, राहु व् केतु ये चार … Continue reading
सिंह लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga in Leo अब तक आप जान ही चुके हैं की सूर्यबुद्ध की किसी शुभ भाव में युति से बुद्धादित्य राजयोग का निर्माण होता है । यह योग बनाने के लिए दोनों ग्रहों का शुभ भावों में होना और बुद्ध का अस्त द्वितीय भाव न होना … Continue reading
कर्क लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग Budhaditya yoga in Cancer सूर्यबुद्ध की किसी शुभ भाव में युति से बनता है बुद्धादित्य राजयोग । यह योग बनाने के लिए दोनों ग्रहों का शुभ होना आवश्यक होता है । दोनों ग्रहों में से एक भी गृह अकारक हो तो ऐसी स्थिति में यह योग बना हुआ … Continue reading
अभी तक आपने जाना की मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ऐसे गृह हैं जो पंचमहापुरुष योग बनाते हैं । यह योग मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर बनता है । यह भी जान लें की पंचमहापुरुष योग का निर्माण … Continue reading
जैसा की हमारे पाठक जानते ही हैं की पांच गृह पंचमहापुरुष योग का निर्माण करते हैं । मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर पंचमहापुरुष योग का निर्माण होता है । जांच का विषय है की पंचमहापुरुष योग का निर्माण करने वाला … Continue reading
बुद्ध व् सूर्य के योगकारक होकर किसी शुभ भाव में युति को बुध आदित्य योग कहा जाता है । वृष लग्न की कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी होकर एक सम गृह बनते हैं वहीँ बुद्ध दुसरे व् पांचवें भाव के स्वामी होने की वजह से एक कारक गृह बनते हैं । वृष लग्न … Continue reading
यदि आप हमारे पिछले आर्टिकल से नहीं गुजरे तो आपको बताते चलें की पांच गृह ऐसे हैं जो पंचमहापुरुष योग ( Panchmahapurush yoga ) का निर्माण करते हैं । मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर यह योग बनता है । शर्त … Continue reading
योगों की क्रमबद्ध श्रृंखला को जारी रखते हुए अब हम बुद्धादित्य योग पर चर्चा आरम्भ करने जा रहे हैं । यह योग बुद्ध और आदित्य ( सूर्य ) के संयोग से बनता है । जिस जातक की जन्मपत्री में यह योग होता है वह बुद्ध या सूर्य या दोनों की महादशा में अवश्य उन्नति करता … Continue reading
वृश्चिक लग्न की जन्मपत्री में किसी भी भाव में बुधादित्य योग नहीं बनता है । इसका मुख्य कारण बुद्ध गृह का अकारक होना होना है । बुद्ध लग्नेश मंगल के अति शत्रु हैं और साथ ही अष्टमेश, एकादशेश भी हैं । अपनी दशाओं में अशुभ फल प्रदान करने के लिए बाध्य है । हाँ यदि … Continue reading