ज्योतिषहिंदी.इन के नियमित पाठकों को ह्रदय से नमन । आज हम आपसे ज्योतिष विषयक एक अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी साँझा करने जा रहे हैं । आशा है आप सभी इससे अवश्य ही लाभान्वित होंगे । आज हमारी चर्चा का विषय है लग्न दोष । आइये जानने का प्रयास करते हैं क्या होता है लग्न दोष ? जातक के जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है यह दोष ? इसके परिणाम क्या होते हैं ? और किस प्रकार किया जा सकता है इसका निवारण ?…
यदि किसी जातक का लग्नेश किसी प्रकार से दूषित अथवा पीड़ित हो जाये जैसे लग्नेश त्रिक भावों में से किसी भाव में स्थित हो जाये अथवा शुभ स्थानस्थ होने के बावजूद बलाबल में कमजोर हो अथवा पाप कर्त्री के अंतर्गत आता हो अथवा अस्त हो जाये दो या दो से अधिक पापी अथवा क्रूर ग्रहों से दृष्ट हो जाये तो लग्न दोष लग जाता है । यहाँ आपको बताना आवश्यक है की शनि देव छह अथवा आठ अथवा बारहवें भाव में आने पर कुंडली को बल प्रदान करते हैं । छह आठ अथवा बारहवें भाव में आने पर लग्नेश शनि परेशान तो करते हैं परन्तु साथ ही साथ कुंडली को बल भी प्रदान करते हैं । जातक को सहनशील, धैर्यवान व् न्यायप्रिय बनाते हैं और विपरीत परिस्थियों से उबरने का साहस प्रदान करते हैं, बेहतर इंसान बनाते हैं ।
यहाँ यह जानकारी प्रदान करना भी आवश्यक है की लग्नेश शुक्र को पाप कर्त्री का दोष नहीं लगता क्यूंकि शनि व् राहु तथा केतु शुक्र के मित्र होते हैं ।
ऐसी स्थिति में जातक लग्नेश की महादशा में तो दुःख व् कष्ट भोगता ही है साथ ही साथ अन्य शुभ ग्रहों की महादशाएं भी शुभ फल प्रदान करने में सक्षम नहीं हो पातीं । बड़े से बड़े राजयोग का समय निकल जाता है और जातक बहुत अल्प लाभ ही ले पाता है या यूँ कह लीजिये की लाभ मिल ही नहीं पाता है। जातक को बहुत कष्ट भोगने पड़ते हैं ।
यदि लग्नेश बलाबल में कमजोर हो तो और शुभ स्थान में विराजित हो तो लग्नेश से सम्बंधित रत्न धारण किया जा सकता है और बीज मन्त्रों के उच्चारण से से भी इसकी शक्ति को बढ़ाया जा सकता है । बीज मंत्र का उच्चारण एक दिन में केवल १०८ बार ही करें और स्वयं करें ।
यदि लग्नेश ३.६.८.१२ भाव में अस्त हो तो भी रत्न धारण किया जा सकता है अन्यथा केवल बीज मंत्र का ही जप करें ।
पाप कर्त्री की दशा में भी लग्नेश के बीज मन्त्र का जाप किया जा सकता है और यदि लग्नेश पाप कर्त्री के अंतर्गत आता हो परन्तु शुभ स्थानस्थ भी हो तो लग्नेश से सम्बंधित रत्न भी धारण किया जा सकता है और बीज मंत्र के उच्चारण से भी लाभ लिया जा सकता है ।
लेख के अंत में आप सभी पाठकों को इंग्लिश नव वर्ष की शुभकामनाएं । आपका दिन शुभ और मंगलमय हो । आप अपने सुझाव हमें हमारी वेबसाइट ज्योतिषहिन्दी.इन पर भेज सकते हैं ।
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