आज की हमारी चर्चा आर्द्रा नक्षत्र पर केंद्रित होगी । यह आकाशमण्डल में मौजूद छठवां नक्षत्र है जो ६६.४० डिग्री से लेकर ८० डिग्री तक गति करता है । आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु, नक्षत्र देव शिव (रौद्र रूप ) और राशि स्वामी बुद्ध देव हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए हम वचनबद्ध हैं ।
आर्द्रा नक्षत्र आकाशमण्डल में मौजूद एक अत्याधिक चमकीला तारा है जो वज्र या मणि के सामान दिखाई देता है । कुछ विद्वान इस नक्षत्र को शिव का आंसू भी कहते हैं । आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं और यह नक्षत्र 6 अंश 40 कला से 20 अंश तक मिथुन राशि में गति करता है इसलिए आर्द्रा नक्षत्र के जातकों के जीवन पर राहु व् बुद्ध दोनों का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है ।
नक्षत्र स्वामी : राहु
नक्षत्र देव : रूद्र,शिव
राशि स्वामी : बुद्ध (चारों चरण )
विंशोत्तरी दशा स्वामी : राहु
चरण अक्षर : ऊ, च, अंग, छ
वर्ण : शूद्र
गण : मनुष्य
योनि : श्वान, कुत्ता
नाड़ी : आदि
गुण : तामसिक (तमो) गुण
प्रथम चरण : वृहस्पति
द्वितीय चरण : शनि
तृतीय चरण : शनि
चतुर्थ चरण : वृहस्पति
वृक्ष : कृष्णगरु ( अगर, शीशम )
आर्द्र का अर्थ होता है नम । आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे जातक अत्याधिक भावुक प्रवृत्ति के देखे जाते हैं । दूसरों की यथासम्भव सहायता के लिए भी तत्पर रहते हैं । जितने अधिक ये इमोशनल होते हैं उसी अनुपात में क्रोधी भी होते हैं लेकिन इनका क्रोध अधिकतर इन्हें ही परेशां करता है क्यूंकि ये इसे आसानी से ज़ाहिर नहीं करते । ये एक साथ कई कामों में निपुण होते हैं । इनकी कुशल कार्यक्षमता की वजह से इनके आसपास के लोग इनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते । नक्षत्र स्वामी राहु है तो अनुसन्धान ( रिसर्च ) करना इनका फर्स्ट नेचर कहा जा सकता है । इस नक्षत्र में जन्मे जातक पॉलिटिशियन हो सकते हैं, कंप्यूटर प्रोफेशनल भी और आवश्यकतानुसार किसी कत्लखाने में कसाई का काम करने वाले या जुआ सट्टे या गैरकानूनी काम करने वाले भी हो सकते हैं । राशि स्वामी बुद्ध हैं जिन्हें व्यापार का कारक कहा जाता है तो ऐसे जातक व्यापारी भी हो सकते हैं और कम्युनिकेशन से सम्बंधित प्रोफेशन में भी देखे जाते हैं । नक्षत्र स्वामी राहु होने की वजह से इनके बारे में अनुमान लगा पाना इतना सहज नहीं होता । जहाँ एक समय में इन्हें आलस्य पसंद होता है वहीँ काम करते वख्त ये बहुत आक्रामक होते हैं । ये सफल योजनाएं बनाने के साथ साथ उनके सही क्रियान्वयन पर पूरा ध्यान केंद्रित रखते हैं । ऐसे जातकों में दुश्मनों को अचंभित करने की जबरदस्त क्षमता होती है ।
इस नक्षत्र के जातक क्रोधी स्वभाव के होते हैं जिस वजह से इनकी मैरिड लाइफ बहुत सफल नहीं कही जा सकती । वहीँ इस नक्षत्र की जातिकाएँ भी गुस्सैल होती हैं लेकिन सीधे सीधे गुस्सा ज़ाहिर नहीं करतीं, चुभने वाली बात करती हैं जिस वजह से इनकी भी शादीशुदा ज़िंदगी उतनी अच्छी नहीं कही जा सकती है ।
आर्द्रा नक्षत्र के जातक/जातिका के वात रोग से ग्रसित होने की शिकायक रहती है जैसे अस्थमा, दमा, डिप्थेरिया आदि ।
आर्द्रा नक्षत्र के जातक/जातिका परमाणु ऊर्जा अनुसंधान ( रिसर्च कार्य ), कंप्यूटर साइंस, एस्ट्रोनॉमी, बुद्ध बुद्धि फाइनैंशल कंसलटेंट, परमाणु ऊर्जा अनुसंधान, राजनेता, सेल्समैन, छल करने वाले पेशा, जुआ, सट्टा, धोखाधड़ी से संबंधित पेशा, संचार, व्यापार और वाणिज्य, जीवो के संहार ( बूचड़खाना ) आदि प्रोफेशन में कार्यरत हो सकते हैं ।
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