गोमेद रत्न के गुण और फायदे – वैदिक ज्योतिष – gomed ratn (gemstone)

गोमेद रत्न के गुण और फायदे – वैदिक ज्योतिष – Gomed Ratn (GemsTone)

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  • अप्रत्याशित परिवर्तन का कारक है राहु। जातक के जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन का कारक है राहु। जो दिखाई नहीं देता परन्तु अपनी उपस्थिति पूर्ण रूप से दर्ज करवाने में सक्षम है, कुछ ऐसा है राहु। क्रूरता ऐसी की सूर्य व् चंद्र भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं हैं। वैदिक ज्योतिष में राहु देवता शनि देव (Shani Dev) की परछाई माने जाते हैं। यदि कुंडली में उच्च के हों तो जातक को धन, ऐश्वर्या, मान, प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं। वहीँ यदि कुंडली में अशुभ हों तो अपनी महादशा में जातक को पूर्णतया भ्रमित रखने में सक्षम हैं, बनते कार्यों में रुकावटें आती हैं, चलता काम ठप होने के कागार पर आ जाता है। राहु यदि कुंडली में शुभ किन्तु कमजोर हो तो राहु रत्न गोमेद (Gomed – Hessonite) धारण किया जाता है।




    गोमेद रत्न के प्रभाव – Gomed Ratna Ke Fayde – Benefits of Hessonite Gemstone

    गोमेद गारनेट रत्न समूह का रत्न है जिसे अंग्रेजी में हैसोनाइट (Hessonite) कहा जाता है। यह लाल रंग लिए हुए पीले गोमूत्र के रंग जैसा होता है। गोमेद भी खानों से निकाला जाता है। भारत, ब्राजील और श्रीलंका में सबसे अच्छा गोमेद प्राप्त होता है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका के साथ कई अन्य देशों में भी ये रत्न उपलब्ध है। गोमेद का वजन 6 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। गोमेद धारण करने से पूर्व इसे कुछ समय दूध या गंगाजल (Gangajal) में रखें। इसके पश्चात् ऊं रां राहवे नम: का मंत्र 180 बार जप करके गोमेद को जागृत कर लें, तत्पश्चात इसे चांदी अथवा अष्टधातु में जड़वाकर मध्यमा ऊँगली में धारण करें। गोमेध शनिवार को किसी भी समय धारण किया जा सकता है।

    गोमेद के उपरत्न – Substitute of Hessonite Stone

    यदि गोमेद (Gomed – Hessonite) उपलब्ध न हो पाए तो ऐसी स्थिति में तुरसा या सफी रत्न धारण किये जा सकते हैं। ये गोमेध के उपरत्न हैं। इसके अलावा गोमेद के रंग का अकीक भी गोमेद के स्थान पर पहना जा सकता है।

    गोमेद रत्न के गुण – Gomed Ratna Ke Gun

    शुद्ध गोमेद चमकदार, चिकना होता है। पीला पन लिए हुए यह रत्न उल्लू की आंख के समान दिखाई देता है। यह सफेद रंग का भी होता है जो इतना चमकता है कि दूर से देखने पर ये हीरे जैसा दिखता है।



    गोमेद रत्न के लाभ – Gomed Ratna Ke Labh

    • काले जादू से रक्षा करता है।
    • नेतृत्व क्षमता में इजाफा करता है।
    • नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।
    • राजनीतिज्ञों के लिए सहायक है।
    • अचानक लाभ पहुंचता है व अचानक होने वाली हानि से रक्षा करता है।

    किसे धारण करना चाहिए गोमेद – Gomed Ratna Dharan Karne Ki Vidhi

    वैसे तो राहु केतु (Rahu – Ketu) से सम्बंधित रत्न धारण करने की सलाह किसी को भी नहीं दी जाती है क्यूंकि कोई भी गृह अपना स्वाभिविक गुण कभी नहीं छोड़ता है। चाहे वो किसी भी स्थिति में कुंडली में पड़ा हो। फिर भी यदि धारण करना ही हो तो ऐसे में किसी योग्य विद्वान् के परामर्श से चांदी अथवा अष्टधातु में जड़वाकर मध्यमा ऊँगली में शनिवार को धारण किया जा सकता है। गोमेद का वजन 6 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। गोमेद धारण करने से पूर्व इसे कुछ समय दूध या गंगाजल में रखें। इसके पश्चात् ऊं रां राहवे नम: का मंत्र 108 बार जप करके गोमेद को जागृत कर लें, तत्पश्चात इसे चांदी अथवा अष्टधातु में जड़वाकर मध्यमा ऊँगली में धारण करें।

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